Puja ka Paryayvachi Shabd:पर्यायवाची शब्द

4.5/5
Want create site? Find Free WordPress Themes and plugins.

“पूजा” शब्द के कई पर्यायवाची शब्द हो सकते हैं जैसे “आराधना”, “भक्ति”, “उपासना”, “देवी-देवता की प्रणाम”, और “इश्वर की पूजा”। यह एक आदर्शित अद्भुतता और श्रद्धांभाव की भावना को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है, जहाँ व्यक्ति दिव्यता की ओर अपने मानसिक दृष्टि और भावनाओं को मोड़ता है। “पूजा” एक धार्मिक अभिव्यक्ति के रूप में भी कार्य कर सकता है, जो विभिन्न धार्मिक प्रथाओं और संस्कृतियों में भिन्न भिन्न तरीकों से की जाती है

Paryayvachi Shabd In Hindi

परिचय

“पूजा” हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जिसमें दिव्यता की आदर्शित भावना और भक्ति का प्रतीक होता है। पूजा का अर्थ होता है ईश्वर के प्रति श्रद्धांभावना और समर्पण के साथ किया जाने वाला आदर्शित क्रियाकलाप। पूजा में व्यक्ति विशेष प्रकार के मंत्रों, आरती, दीपक, धूप, फूल, नैवेद्य, आदि का प्रयोग करते हैं जो उनकी भक्ति और समर्पण की दृढ़ता को दर्शाते हैं। पूजा का उद्देश्य ईश्वर के साक्षात् अनुभव की अवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह भक्त की आदर्शित अद्भुतता के साथ उसके मानसिक और आत्मिक स्थिति को भी सुधारने का एक माध्यम होता है। पूजा के माध्यम से भक्त भगवान के साथ अद्वितीय संबंध को महसूस करते हैं और उनके मार्गदर्शन में जीवन को दिशा देने का प्रयास करते हैं।

  1. पूजा एक आदर्शित क्रियाकलाप है जो भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को प्रकट करता है।
  2. पूजा में मंत्र, आरती, दीपक, धूप, फूल, नैवेद्य आदि के उपयोग से भगवान की पूजा की जाती है।
  3. यह एक धार्मिक प्रथा होती है जिसमें धार्मिक समय पर्याप्तता से आदर्शित की जाती है, जैसे कि दिन की पहली किरनों के साथ उठकर पूजा करना।
  4. पूजा के माध्यम से भक्त अपनी भगवान के साथ अंतरंग और आत्मिक संवाद को मजबूत करते हैं और उनके मार्गदर्शन में जीवन को दिशा देते हैं।
  5. यह आध्यात्मिक उन्नति और शांति की दिशा में मदद करने के साथ ही सामाजिक एकता और सामाजिक सद्भावना की भावना को भी बढ़ावा देता है

पर्यायवाची शब्द

Hindi (पूजा के पर्यायवाची शब्द)English Synonyms for “पूजा” (Puja)
आराधनाWorship
भक्तिDevotion
इबादतAdoration
प्रणामHomage
उपासनाReverence
समर्पणOffering
यज्ञRitual
मंदिर यात्राPilgrimage
पूजागृहShrine
अर्चनाVeneration
प्रार्थनाPrayer
उपासीWorshiper
उपास्यDeity
सेवाService
परमेश्वर भक्तिGodly Devotion

पूजा शब्दो का वाक्यों में प्रयोग

  1. मैंने आज सुबह मंदिर में पूजा की।
  2. दीपावली के मौके पर हम घर में देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
  3. प्रतिदिन सुबह मैं गायत्री माता की पूजा करता हूँ।
  4. वह अपने आदर्शों के अनुसार आराधना करने का तरीका सिखाते हैं।
  5. गुरु पूर्णिमा पर हम अपने गुरु की पूजा करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं।
  6. इस मंदिर में हर महीने एक विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
  7. उन्होंने अपने घर में एक पूजागृह बनवाया है जहाँ रोज़ आराधना करते हैं।
  8. यह समाज धार्मिक त्योहारों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन करता है।
  9. विवाह समारोह में पंडित ने पति-पत्नी की सामुद्रिक पूजा की।
  10. उन्होंने विशेष आयोजन किया ताकि सभी लोग विभिन्न देवताओं की पूजा कर सकें।

पूजा के पर्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग

  1. मंदिर में रोज़ाना विशेष पूजा की जाती है।
  2. वह अपने घर में नियमित रूप से ध्यान और पूजा करते हैं।
  3. पूनम की रात्रि में उन्होंने देवी की आराधना की।
  4. उनकी आराधना का तरीका बहुत ही श्रद्धालु और सादगीपूर्ण होता है।
  5. पूजन के बिना, उनका दिन अधूरा मानते थे।
  6. वे पर्वत पर जाकर देवताओं की पूजा करते हैं।
  7. बच्चों ने गुरुजी की पूजन की और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
  8. आराधना का अर्थ है भगवान के प्रति श्रद्धाभक्ति और प्रेम।
  9. उनकी पूजन से हमें आत्मा की शांति मिलती है।
  10. उपासना के माध्यम से हम अपने आंतरिक शक्तियों को जागृत कर सकते हैं।

पूजा से जुडे रोचक तथ्य

  1. धार्मिक संस्कृतियों में पूजा: पूजा हिन्दूधर्म, बौद्धधर्म, जैनधर्म, सिखधर्म, इस्लाम, ख्रिस्तीयता आदि में विभिन्न रूपों में पाई जाती है।
  2. पूजा के तत्व: पूजा में आमतौर पर विशेष धार्मिक प्रतिमाएँ, मूर्तियाँ या सिम्बोलिक प्रतीकों की उपस्थिति होती है जिन्हें पूजन किया जाता है।
  3. पूजा की विधियाँ: पूजा की विधियाँ धार्मिक संस्कृति, स्थल और परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न होती हैं। पूजा के दौरान मन्त्र, आरती, भजन आदि का प्रयोग किया जाता है।
  4. पूजा के उद्देश्य: पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान या आध्यात्मिक उच्चतम के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का अभिवादन करना होता है।
  5. पूजा के आधार में भक्ति: अधिकांश संगठनों में पूजा भक्ति और साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो आत्मा के साथ ईश्वर के संबंध को मजबूत करता है।
  6. आरती का महत्व: आरती, जिसे पूजा के दौरान आदर्शत: प्रतिमा के चारों ओर घुमाया जाता है, भगवान की महिमा की प्रकटि करने के लिए किया जाता है।
  7. पूजा के विभिन्न आयाम: पूजा विभिन्न आयामों में होती है जैसे कि आध्यात्मिक, मानसिक, भावनात्मक, फिजिकल आदि।
  8. पूजा के प्रकार: पूजा के कई प्रकार होते हैं जैसे विशेष पूजा, नैतिक पूजा (कर्मयोग), ज्ञान पूजा (ज्ञानयोग), भक्ति पूजा (भक्तियोग) आदि।

प से शुरू होने वाले अन्य पर्यायवाची शब्द

  1. प्रिय : यह शब्द किसी को पसंदीदा या मनपसंद के रूप में व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  2. प्रेम : यह शब्द प्यार की भावना या आदर्श के रूप में व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  3. प्रेरणा : यह शब्द किसी को उत्साहित, प्रोत्साहित या प्रेरित करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  4. प्रयास : यह शब्द किसी कार्य या प्रयास को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है, जिससे संघर्ष या प्रयास का संकेत मिलता है।
  5. प्रतिष्ठा : यह शब्द सम्मान, मान, या महत्व की भावना को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  6. प्रकृति : यह शब्द प्राकृतिक तत्वों, घटनाओं, या स्थितियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  7. प्राप्ति : यह शब्द किसी चीज़ के प्राप्ति या प्राप्ति के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे कि सफलता, धन, या साधना की प्राप्ति।
  8. प्रशंसा: यह शब्द किसी की प्रशंसा, सराहना या प्रशशंसा करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  9. प्राणी : यह शब्द जीवनु को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे कि पशु, पक्षी, या मनुष्य।
  10. प्रशासन : यह शब्द किसी संगठन, प्रणाली, या सरकार के प्रबंधन को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

उदाहरण

पूजापर्यायवाची शब्दव्याख्या
पूजनआराधनादिव्य अथवा अद्भुत शक्तियों की उपासना और भक्ति को ‘पूजन’ कहा जाता है। यह भगवान के प्रति श्रद्धा और समर्पण की एक विशेष प्रकार होती है।
उपासनाभगवानी‘उपासना’ का मतलब होता है ईश्वरीय शक्तियों की अद्भुत उपासना करना या भगवान के प्रति आदर-भक्ति में लीन रहना।
आदरआराध्या‘आदर’ उच्चतम सम्मान और मान की भावना को दर्शाता है, विशेष रूप से किसी पवित्र या दिव्य वस्तु के प्रति।
यजनअभिषेक‘यजन’ का अर्थ होता है किसी देवता, विशेषत: व्रत के दौरान, के लिए आयोजित समारोह जिसमें उसकी मूर्ति का अभिषेक या आदर किया जाता है।
भक्तिअर्चना‘भक्ति’ एक उच्च आदर और समर्पण की भावना को दर्शाता है, जिसमें व्यक्ति अपने ईश्वर के प्रति गहरी आत्मिक समर्पण और प्रेम का अभिवादन करता है।
मनोबलउपासकता‘मनोबल’ से आशय होता है उपासक की अद्भुत शक्ति और आत्मा की समर्पित भावना जो उसे पूजन की दिशा में प्रेरित करती है।
उपासीआस्थायी‘उपासी’ व्यक्ति को दर्शाता है जो ईश्वर या दिव्यता की आस्था में रहकर पूजन करता है और साधना करता है।
आवाज़भगवान से संवाद‘आवाज़’ का मतलब होता है ईश्वर से संवाद करने का एक उच्चतम और आत्मा को सुकून प्रदान करने वाला तरीका।
इष्टप्रियदेवता‘इष्ट’ से आशय होता है व्यक्ति की प्रिय देवी-देवता जिन्हें वह उपासना करता है और जिनकी पूजा करना उसके लिए महत्वपूर्ण है।
अनुष्ठानसेवा या उपासना‘अनुष्ठान’ का मतलब होता है समर्पित उपासना या सेवा की प्रक्रिया, जिसमें व्यक्ति दिनचर्या अनुसार उपासना करता है।
आराधनाआदर‘आराधना’ से आशय होता है ईश्वर या आदर्श की उच्च आदर और प्रेम द्वारा पूजन करना और समर्पण करना।

FAQs

पूजा एक आध्यात्मिक क्रिया है जिसमें व्यक्ति ईश्वर या आराध्य वस्तु की उपासना और समर्पण करता है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने आदर्शों और विश्वासों का पालन करता है।

पूजा करने से मान्यता है कि यह आदर्श और आत्मा के एकीकरण की प्रक्रिया होती है, जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकता है।

पूजा में आमतौर पर उपासक ईश्वर की मूर्ति, प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर भक्ति भावना और समर्पण दिखाता है। यह ध्यान, मंत्र जाप, आरती, भजन आदि के साथ किया जा सकता है।

पूजा से व्यक्ति अपने आदर्शों का पालन करता है, मानवीय गुणों को विकसित करता है, आंतरिक शांति प्राप्त करता है और आध्यात्मिक संबंध को मजबूती देता है।

Did you find apk for android? You can find new Free Android Games and apps.

Most Searched

Most Popular Exams

Confused? Take Engineering Branch Selector Test

NOW @500 ONLY

Engineering Branch Selector Test Has :

             60 minutes of Duration

  100 Questions

  Instant Report

  4 Dimensions

  500+ Career Options

  1M+ Test Taken

Start and Unlock Report @2000 @500

Tags

Lovely Professional University

MAT ANSWER KEY, SYLLABUS, SAMPLE PAPER

Request a Call Back

Request a Call Back