“पुत्र” शब्द के कई पर्यायवाची शब्द(putra ka paryayvachi shabd) होते हैं, जो भाषा के समृद्धि और रंगीनी को बढ़ावा देते हैं। इस लेख में, हम आपको “पुत्र” के पर्यायवाची शब्दों की विस्तृत सूची प्रस्तुत करेंगे, जिनसे हम भाषा और साहित्य के सौंदर्य को महसूस करते हैं और साथ ही इस शब्द के महत्व को समझते हैं।de
परिचय
“पुत्र” एक संबंधवाचक शब्द है जो पुरुष के बेटे को सूचित करता है। यह शब्द परिवार की विशेषता को दर्शाता है और पुत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को समझाता है।
putra के पर्यायवाची शब्द: एक विस्तृत सूची
पुत्र के पर्यायवाची शब्द | पर्यायवाची शब्द | पर्यायवाची शब्द |
---|---|---|
सुत | दत्तक | राजपुत्र |
संतान | वंशज | आत्मबंधु |
बेटा | वंशभरण | पुत्रक |
धन्यक | उपपुत्र | बालक |
आत्मज | आत्मनःश्रेष्ठ | प्राणिसूनु |
बाल्य | बालपुत्र | आत्मज्ञानी |
वंशनायक | उत्तरज | प्राज्ञ |
सुतनन्दन | पुत्रिक | सुतीज |
वंशपति | अभिषेकपुत्र | शिष्यपुत्र |
आपत्तिपुत्र | उपजीविका | परमपुत्र |
पुत्र का महत्व:
पुत्र एक परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और एक पिता और माता के लिए गर्व का स्रोत बनता है। पुत्र परिवार की वंश परंपरा को आगे बढ़ाता है और उसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को आगे प्रस्तुत करता है।
पुत्र के माध्यम से परिवार का आगामी कीड़ों का ध्यान रखने का काम होता है। वह अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करता है और उनके अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है। पुत्र का प्रेम और समर्पण परिवार के बंधनों को मजबूत करता है और परिवार के सदस्यों के बीच एक गहरी आत्मबंधुता की भावना पैदा करता है।
पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ
पुत्र के पर्यायवाची शब्द | पर्यायवाची शब्द | अंग्रेजी अर्थ |
---|---|---|
सुत | दत्तक | Son |
संतान | वंशज | Offspring |
बेटा | वंशभरण | Son |
धन्यक | उपपुत्र | Son |
आत्मज | आत्मनःश्रेष्ठ | Son |
बाल्य | बालपुत्र | Child |
वंशनायक | उत्तरज | Son |
सुतनन्दन | पुत्रिक | Son |
वंशपति | अभिषेकपुत्र | Son |
आपत्तिपुत्र | उपजीविका | Son |
राजपुत्र | सबलपुत्र | Prince |
पूत | उत्तमपुत्र | Son |
पुत्रक | पुत्रिक | Son |
पुत्री | पुत्रिका | Daughter |
प्राणिसूनु | आत्मज | Son |
आत्मज्ञानी | बुद्धिपुत्र | Enlightened Son |
शिष्यपुत्र | शिक्षापुत्र | Disciple’s Son |
पुत्रवधू | पुत्रवधु | Son’s Bride |
पुत्रसहमति | सुतप्रिय | Son’s Agreement |
वंशभूषण | पुत्रपरायण | Family’s Pride |
प्राज्ञ | ज्ञानपुत्र | Wise Son |
सुतीज | पुत्रबुद्धि | Intelligent Son |
सुतपति | पुत्रधनी | Father of Sons |
सुत्पत्नी | पुत्रवधू | Mother of Sons |
पुत्रमित्र | सुतमित्र | Son’s Friend |
उत्तमपुत्र | प्रशंसितपुत्र | Honored Son |
वंशजीवन | वंशनायक | Descendant’s Life |
उत्तरज | पुत्रपरायण | North Direction |
आत्मनःश्रेष्ठ | प्रियपुत्र | Beloved Son |
उपजीविका | आपत्तिपुत्र | Dependent Son |
पौराणिक और साहित्यिक महत्व
पुत्र का पौराणिक और साहित्यिक महत्व भारतीय संस्कृति और साहित्य में विशेष रूप से प्रकट होता है। पौराणिक और धार्मिक कथाओं में पुत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो समाज में आदर्श और महत्व की प्रतिष्ठा दिखाती है।
पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं में पुत्र को परमात्मा का वरदान और आदर्श पुत्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यहाँ तक कि पुत्र को परमात्मा का रूप भी माना गया है और उसका पूजन भी भगवान की तरह किया जाता है। वे पुत्र जो अपने माता-पिता की सीख का पालन करते हैं उन्हें आदर्श और धार्मिकता का प्रतीक माना जाता है।
साहित्यिक महत्व
साहित्यिक दृष्टिकोण से भी पुत्र का महत्वपूर्ण स्थान होता है। साहित्य में पुत्र को समाज की आशा, संघर्ष, आत्म-समर्पण, और परिवार के लिए बलिदान का प्रतीक माना गया है। कई काव्य और कहानियों में पुत्र के माध्यम से विभिन्न धार्मिक और मानवीय संदेश दिए गए हैं जो उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करते हैं।
निष्कर्ष
पुत्र का महत्व समाज और साहित्य में अत्यधिक होता है। उनका संघर्ष, आदर्श, और समर्पण समाज के लिए उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। पुत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पौराणिक कथाओं में भी दिखाई देती है, जो समाज में आदर्श और नैतिकता की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देते हैं। साहित्य में भी पुत्र को महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है, जो समाज के मूल्यों और मानवीय संदेश को प्रकट करते हैं। इस रूप में, पुत्र का महत्व समाज और साहित्य में सुनिश्चित रूप से प्रकट होता है और उनकी उच्चतम प्रशंसा का प्रतीक बनता है।
FAQ's
पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं? पर्यायवाची शब्द वे शब्द होते हैं जिनका अर्थ समान होता है, लेकिन उनका शब्द-रूप अलग होता है।
पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग भाषा को सुंदर और विविध बनाने में मदद करता है और एक ही अर्थ को विभिन्न तरीकों से व्यक्त करने में सहायक होता है।
पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग लेखन में बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह आवश्यक नहीं होता। यह आपके विचारों की स्पष्टता और लेखकीय शैली पर निर्भर करता है।