sharir ka paryayvachi shabd:पर्यायवाची शब्द

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शरीर के कई पर्यायवाची शब्द (sharir ka paryayvachi shabd)होते हैं, जो न केवल इसके शारीरिक रूप को व्यक्त करते हैं, बल्कि उसके महत्वपूर्णता को भी दर्शाते हैं। ये पर्यायवाची शब्द हमें यह बताते हैं कि “शरीर” केवल एक भौतिक अस्तित्व नहीं, बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

परिचय

भाषा, जैसे कि हिंदी, हमारी सोच, व्यक्ति और जीवन की महत्वपूर्ण भाग है। शब्दों की बहुतायत बजाय, कुछ शब्द हमारी भावनाओं और विचारों को बेहतरीन ढंग से व्यक्त करने में मदद करते हैं। “शरीर” एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग हम हमारे शारीरिक रूप को संदर्भित करने के लिए करते हैं। इस ब्लॉग में, हम “शरीर” के पर्यायवाची शब्दों की एक विस्तृत सूची के साथ इसके महत्व, पौराणिक और साहित्यिक महत्व, और उसके अंग्रेजी अर्थ को जानेंगे।

sharir ka paryayvachi shabd

sharir के पर्यायवाची शब्द: एक विस्तृत सूची

पर्यायवाची पर्यायवाची/th> पर्यायवाची/th>
देह तन काया
बदन आदमी रूप
स्वदेह शारीरिक तनु
अंगभूषण वपु सरीर
गात्र कायिक संगठन
आकार आत्मकाय रूपम
शरीरी काय देहक
बोधन आभास देहरूप
देहयान देहद्रव्य शरीरांश

शरीर का महत्व:

शरीर हमारी पहचान होती है, जिसके माध्यम से हम समाज में अपनी उपस्थिति को महसूस करते हैं। यह हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर उद्देश्यों को पूरा करने में हमारी मदद करता है। शरीर ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम संवाद करते हैं, काम करते हैं, और जीवन का आनंद लेते हैं।

पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ

प्रमुख शब्द अंग्रेजी अर्थ
देह Body
तन Corpse
काया Form
बदन Frame
आदमी Human being
रूप Appearance
स्वदेह Own body
शारीरिक Physical
तनु Physical body
अंगभूषण Ornament of body
वपु Physical form
सरीर Body
गात्र Body
कायिक Physical
संगठन Structure
आकार Shape
आत्मकाय Physical form
रूपम Form
शरीरी Bodily
काय Body
देहक Body
बोधन Body
आभास Reflection
देहरूप Bodily form
देहयान Body consciousness
देहद्रव्य Body substance
शरीरांश Body part
अवयव Organ
देहतत्त्व Body element
देहिकता Corporeality
 

पौराणिक और साहित्यिक महत्व​

“शरीर” शब्द न केवल शारीरिक अर्थ में ही महत्वपूर्ण है, बल्कि पौराणिक और साहित्यिक महत्व के क्षेत्र में भी यह एक गहरा प्रतीक है।

पौराणिक महत्व

हिन्दू धर्म में “शरीर” का महत्व अत्यधिक है। पौराणिक कथाओं में शरीर को आत्मा के आवास के रूप में देखा जाता है। विभिन्न पौराणिक कथाओं में देवी-देवताओं के शरीरों के रूपों का वर्णन किया गया है, जिससे उनकी महत्वपूर्णता और दिव्यता प्रकट होती है। वेदों में भी शरीर के साथ आत्मा का संबंध जिक्रित है, जिससे यह मान्यता प्राप्त करता है कि शरीर केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है।

साहित्यिक महत्व

साहित्य के क्षेत्र में भी “शरीर” का विशेष महत्व है। कवियों और लेखकों ने शरीर के रूप, रंग, सुंदरता, और सार्थकता को व्यक्त करने के लिए इसका उपयोग किया है। साहित्य में शरीर के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों का वर्णन किया गया है, जो पाठकों के दिलों में संवेदनाओं की बुनाई करता है।

निष्कर्ष​

शरीर एक महत्वपूर्ण और अद्वितीय हिस्सा है जो हमें इस संजीवन जगत में सामंजस्य रूप से बसने की स्वीकृति देता है। यह हमारे भावनाओं, विचारों, और क्रियाओं का प्रतीक है, जिसके माध्यम से हम संवाद करते हैं और अपनी पहचान बनाते हैं।

FAQ's

पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं? पर्यायवाची शब्द वे शब्द होते हैं जिनका अर्थ समान होता है, लेकिन उनका शब्द-रूप अलग होता है।

 पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग भाषा को सुंदर और विविध बनाने में मदद करता है और एक ही अर्थ को विभिन्न तरीकों से व्यक्त करने में सहायक होता है।

 पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग लेखन में बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह आवश्यक नहीं होता। यह आपके विचारों की स्पष्टता और लेखकीय शैली पर निर्भर करता है।

“देह” और “शरीर” दोनों ही शब्दों का अर्थ समान होता है, लेकिन उनका उपयोग भाषा के परिप्रेक्ष्य में बदल सकता है।

तन” शरीर के शारीरिक आवास को सूचित करने के लिए उपयोग होता है, जबकि “शरीर” एक अधिक सामान्य शब्द है जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं का संयोजन होता है।

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