CTET (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) का सिलेबस मुख्य रूप से दो पेपरों में विभाजित होता है: पेपर 1 और पेपर 2। पेपर 1 उन उम्मीदवारों के लिए होता है जो कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाना चाहते हैं, जबकि पेपर 2 कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाने के लिए होता है। सिलेबस में मुख्य विषयों में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेज़ी), गणित, और पर्यावरण अध्ययन (पेपर 1 के लिए) शामिल हैं। पेपर 2 में गणित और विज्ञान या सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान का चुनाव होता है। CTET का उद्देश्य शिक्षकों की योग्यता और क्षमता का आकलन करना है।
- CTET Syllabus in Hindi: पेपर 1 (प्राथमिक शिक्षक)
- CTET Syllabus in Hindi: पेपर 2 (उच्च प्राथमिक शिक्षक)
- CTET Syllabus in Hindi बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र सिलेबस
- CTET Syllabus in Hindi भाषा I और भाषा II सिलेबस
- CTET Syllabus in Hindi गणित सिलेबस (पेपर 1 और पेपर 2)
- CTET Syllabus in Hindi पर्यावरण अध्ययन सिलेबस (पेपर 1)
- CTET Syllabus in Hindi विज्ञान सिलेबस (पेपर 2)
- CTET Syllabus in Hindi के अनुसार तैयारी के सुझाव
- CTET Syllabus in Hindi FAQs
CTET Syllabus in Hindi: पेपर 1 (प्राथमिक शिक्षक)
विषय | मुख्य टॉपिक्स |
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बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | – बाल विकास के सिद्धांत, अधिगम और शिक्षण, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन प्रक्रिया |
भाषा 1 (हिंदी) | – समझ (गद्यांश और काव्यांश), व्याकरण, भाषा शिक्षण की विधियाँ, भाषा विकास में अवरोध |
भाषा 2 (अंग्रेजी) | – समझ (गद्यांश और काव्यांश), व्याकरण, अंग्रेजी भाषा शिक्षण की विधियाँ, भाषा में सुधार और विकास |
गणित | – संख्या प्रणाली, ज्यामिति, माप, समय और दूरी, आंकड़े, शिक्षण विधियाँ, समस्याओं का हल |
पर्यावरण अध्ययन | – पर्यावरण की अवधारणा, प्राकृतिक संसाधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान के साथ कनेक्शन |
CTET Syllabus in Hindi: पेपर 2 (उच्च प्राथमिक शिक्षक)
विषय | मुख्य टॉपिक्स |
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बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | – बाल विकास के सिद्धांत, अधिगम और शिक्षण, विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चे, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन प्रक्रियाएं |
भाषा 1 (हिंदी) | – समझ (गद्यांश और काव्यांश), व्याकरण, भाषा शिक्षण की विधियाँ, भाषा विकास में अवरोध |
भाषा 2 (अंग्रेजी) | – समझ (गद्यांश और काव्यांश), व्याकरण, भाषा शिक्षण की विधियाँ, सुधार और भाषा विकास |
गणित और विज्ञान (वैकल्पिक) | – गणित: संख्या प्रणाली, ज्यामिति, बीजगणित, मापन, सांख्यिकी – विज्ञान: पदार्थ, जीव, ऊर्जा, पर्यावरण |
सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान (वैकल्पिक) | – इतिहास, भूगोल, सामाजिक और राजनीतिक जीवन, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र |
CTET Syllabus in Hindi बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र सिलेबस
CTET बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र सिलेबस में मुख्य रूप से बच्चों के विकास, शिक्षा के सिद्धांत, और शिक्षण विधियों का अध्ययन शामिल है। इसका उद्देश्य उम्मीदवारों को बच्चों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, और भावनात्मक विकास को समझने में मदद करना है। यहां सिलेबस के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
बाल विकास के सिद्धांत: बाल विकास के विभिन्न चरण, विकास की प्रक्रिया, और विकास के विभिन्न पहलू (जैसे संज्ञानात्मक, सामाजिक, और भावनात्मक विकास)।
अधिगम और शिक्षण के सिद्धांत: अधिगम के विभिन्न सिद्धांत, जैसे पावलोव, थार्नडाइक, पियाजे, और वायगोत्स्की के सिद्धांत, और शिक्षण में उनका अनुप्रयोग।
विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे: विशेष जरूरतों वाले बच्चों की पहचान, उनके लिए अनुकूल शिक्षण विधियाँ, समावेशी शिक्षा।
प्रेरणा और अधिगम: बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में प्रेरणा की भूमिका, और किस प्रकार शिक्षक प्रेरणा प्रदान कर सकते हैं।
शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन: शिक्षाशास्त्र की प्रमुख विधियाँ, मूल्यांकन और उसकी प्रक्रियाएँ, सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE), और पाठ्यक्रम को समझने की प्रक्रिया।
CTET Syllabus in Hindi भाषा I और भाषा II सिलेबस
- CTET सिलेबस के अंतर्गत भाषा I और भाषा II दोनों महत्वपूर्ण विषय हैं, जो उम्मीदवारों की भाषाई क्षमताओं को मापने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
- भाषा I (हिंदी) में मुख्य रूप से समझ पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसमें गद्यांश और काव्यांश की समझ, वाक्य संरचना, व्याकरण, और भाषा की संप्रेषण क्षमता शामिल होती है। इसमें पाठ्यपुस्तक और अन्य साहित्यिक रचनाएँ शामिल होती हैं, जो उम्मीदवारों की भाषा की पकड़ और समझ को मापती हैं। इसके अतिरिक्त, भाषा शिक्षण की विधियाँ भी इस भाग का हिस्सा हैं, जिसमें भाषा के विभिन्न पहलुओं को सिखाने और सुधारने के तरीके शामिल हैं।
- भाषा II (अंग्रेजी) के सिलेबस में भी समझ के पहलुओं पर जोर दिया जाता है, जिसमें गद्यांश और काव्यांश की समझ, वाक्य संरचना, और व्याकरण की प्रमुख बातें शामिल हैं। यह भाग उम्मीदवारों की अंग्रेजी भाषा की प्रवीणता को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें व्याकरण और विधियों की समीक्षा की जाती है, और भाषा विकास के अंतर्गत मौखिक और लिखित संप्रेषण कौशल की भी परीक्षा होती है।
- इन दोनों भाषाओं के सिलेबस का उद्देश्य उम्मीदवारों को न केवल पाठ्यक्रम के विषयों की गहरी समझ प्रदान करना है, बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से भाषा सिखाने और उसे समझने की क्षमता भी विकसित करना है। यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षक विद्यार्थियों को भाषा के मूल तत्व समझाने में सक्षम हों।
CTET Syllabus in Hindi गणित सिलेबस (पेपर 1 और पेपर 2)
- CTET परीक्षा में गणित सिलेबस पेपर 1 और पेपर 2 में अलग-अलग पाठ्यक्रम के साथ आता है, जो उम्मीदवारों की गणितीय क्षमताओं की जाँच करता है।
- पेपर 1 (प्राथमिक शिक्षक) के लिए गणित सिलेबस में संख्यात्मक तर्क और मूलभूत गणित के प्रमुख पहलू शामिल हैं। इसमें संख्या प्रणाली, गणना की विधियाँ, अंकगणित, भूगोल और मापन जैसे विषय शामिल हैं। महत्वपूर्ण विषयों में अभ्यास की तकनीकें, समय और दूरी, सतह क्षेत्र और आयतन शामिल हैं। इस पेपर का उद्देश्य कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को गणित की मूल बातें सिखाने की योग्यता का आकलन करना है।
- पेपर 2 (उच्च प्राथमिक शिक्षक) में गणित का सिलेबस अधिक उन्नत होता है और इसमें बीजगणित, ज्यामिति, संख्यात्मक गणना और सांख्यिकी शामिल होते हैं। महत्वपूर्ण टॉपिक्स में संख्याओं का अनुक्रम, फॉर्मूले, त्रिकोणमिति, और समय और कार्य शामिल हैं। इसमें अर्थशास्त्र और अनुपात और अनुपात की समस्याएँ भी शामिल होती हैं। इस पेपर का उद्देश्य कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को गणित की जटिल अवधारणाओं को समझाने की क्षमता का परीक्षण करना है।
CTET Syllabus in Hindi पर्यावरण अध्ययन सिलेबस (पेपर 1)
- CTET पेपर 1 के पर्यावरण अध्ययन सिलेबस में मुख्य रूप से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए पर्यावरण और आसपास के संसार को समझाने की क्षमताओं को मापा जाता है। इस सिलेबस का उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और समझ विकसित करना है।
- सिलेबस के तहत पर्यावरण की अवधारणा पर जोर दिया जाता है, जिसमें प्राकृतिक संसाधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, और पारिस्थितिकी जैसे विषय शामिल होते हैं। इसमें संसाधनों का उपयोग और संरक्षण, जल और वायु प्रदूषण, और कचरा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाती है।
- जीवों और उनके जीवन चक्र जैसे विषय भी शामिल होते हैं, जिसमें वनस्पतियों और प्राणियों के बारे में जानकारी दी जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षक छात्रों को जीव-जगत के महत्व और संरक्षण के महत्व को समझा सकें।
- इसके अलावा, समाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य जैसे विषय भी शामिल होते हैं, जिसमें स्थानीय समाज, संस्कृति और परंपराएँ शामिल होती हैं। इस सिलेबस का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी समाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।
CTET Syllabus in Hindi विज्ञान सिलेबस (पेपर 2)
विषय | मुख्य टॉपिक्स |
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विज्ञान की अवधारणा | – विज्ञान की परिभाषा और महत्व – विज्ञान का सामाजिक और नैतिक प्रभाव |
भौतिक विज्ञान | – पदार्थ की प्रकृति और गुण – ऊर्जा और उसके रूप – बल और गति – प्रकाश और ध्वनि |
रसायन विज्ञान | – पदार्थ की संरचना और गुण – रासायनिक प्रतिक्रियाएँ – अम्ल, क्षार, और लवण – पाचन और पोषण |
जीवविज्ञान | – मानव शरीर के अंग और उनके कार्य – पौधों और जानवरों की विशेषताएँ – जीवन चक्र और विकास |
पर्यावरण और पारिस्थितिकी | – पर्यावरणीय समस्याएँ – प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण – पारिस्थितिकी के मूल तत्व |
विज्ञान शिक्षण की विधियाँ | – विज्ञान के शिक्षण के तरीके और विधियाँ – प्रयोगात्मक शिक्षा – छात्रों को वैज्ञानिक सोच में प्रशिक्षित करना |
CTET Syllabus in Hindi CTET सिलेबस के अनुसार तैयारी के सुझाव
- CTET सिलेबस के अनुसार तैयारी के लिए एक सुव्यवस्थित और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। सबसे पहले, सिलेबस की संपूर्ण समझ प्राप्त करें और पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन योजना तैयार करें। हर विषय के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक्स की पहचान करें और प्राथमिकता के आधार पर अध्ययन करें।
- बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के लिए, बच्चों के विकास के सिद्धांतों और शिक्षण विधियों पर ध्यान दें। भाषा I और II के सिलेबस में गद्यांश, काव्यांश, व्याकरण, और भाषा शिक्षण की विधियाँ शामिल हैं। नियमित रूप से पढ़ने और लिखने की प्रैक्टिस करें, और भाषा की जटिलताओं को समझें।
- गणित के लिए, मूलभूत गणितीय अवधारणाओं को समझना और समस्याओं को हल करना महत्वपूर्ण है। पैटर्न और प्रकार की समस्याओं को हल करने का अभ्यास करें और मॉक टेस्ट लेकर अपनी तैयारी की समीक्षा करें।
- पर्यावरण अध्ययन और विज्ञान के लिए, प्राकृतिक संसाधनों, पारिस्थितिकी, और विज्ञान की मूल बातें पर ध्यान दें। प्रायोगिक दृष्टिकोण अपनाएं और विज्ञान प्रयोग करें, जिससे आप अधिक व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।
- मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करना भी बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे आपको परीक्षा की वास्तविक स्थिति का अनुमान होगा। समय प्रबंधन पर ध्यान दें और आत्ममूल्यांकन के माध्यम से कमजोर क्षेत्रों को पहचानें और उनमें सुधार करें। नियमित और सुव्यवस्थित अध्ययन से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
CTET Syllabus in Hindi FAQs
1. CTET सिलेबस में कौन-कौन से विषय शामिल होते हैं?
CTET सिलेबस में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I (हिंदी), भाषा II (अंग्रेजी/अन्य), गणित, पर्यावरण अध्ययन, और सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान शामिल हैं।
2.क्या CTET में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए अलग-अलग सिलेबस होते हैं?
हाँ, पेपर 1 (प्राथमिक स्तर) और पेपर 2 (उच्च प्राथमिक स्तर) के लिए सिलेबस अलग-अलग होते हैं।
3. बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy) में क्या-क्या शामिल होता है?
इसमें बच्चे के विकास की अवधारणाएँ, शिक्षण और अधिगम के सिद्धांत, और समावेशी शिक्षा के पहलू शामिल होते हैं।
4. गणित और पर्यावरण अध्ययन के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?
गणित में मूलभूत अंकगणित, ज्यामिति, और गणनाएँ शामिल हैं। पर्यावरण अध्ययन में सामाजिक और प्राकृतिक पर्यावरण से जुड़े विषय होते हैं।
5. भाषा I और भाषा II में क्या अंतर है?
भाषा I मुख्य रूप से शिक्षण के माध्यम की भाषा है, जबकि भाषा II दूसरी भाषा होती है, जो अंग्रेजी या किसी अन्य भारतीय भाषा में हो सकती है।