STET Syllabus In Hindi: बिहार STET परीक्षा की संरचना, बिहार STET विषयवार पाठ्यक्रम, बिहार STET परीक्षा की तैयारी के टिप्स

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बिहार STET (सामान्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जो शिक्षकों की योग्यता का मूल्यांकन करती है। इसका उद्देश्य योग्य और कुशल शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त करना है। STET Syllabus In Hindi विषयों का पाठ्यक्रम शामिल होता है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और शिक्षा शास्त्र शामिल हैं। सही तैयारी और ज्ञान के माध्यम से, उम्मीदवार इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह लेख STET पाठ्यक्रम और इसकी तैयारी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रस्तुत करता है।

Table Of Content

बिहार STET परीक्षा की संरचना: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET (सामान्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) का उद्देश्य शिक्षकों की योग्यता का मूल्यांकन करना है। परीक्षा की संरचना को समझना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।

1. परीक्षा के चरण

  • पार्श्व परीक्षा (Paper I): प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए, कक्षा 1 से 5 तक।
  • मुख्य परीक्षा (Paper II): उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए, कक्षा 6 से 8 तक।

2. प्रश्नों का प्रकार

  • बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs): सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं, जहां प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होते हैं।
  • प्रश्नों की संख्या: प्रत्येक पेपर में कुल 150 प्रश्न होते हैं।

3. समय सीमा

  • परीक्षा अवधि: प्रत्येक पेपर के लिए 2.5 घंटे (150 मिनट) निर्धारित हैं।

4. मार्किंग योजना

  • सकारात्मक अंकन: प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1 अंक दिया जाता है।
  • नकारात्मक अंकन: गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटे जाते हैं।

5. विषयों का वितरण

  • शिक्षा शास्त्र और बाल विकास: 30 प्रश्न
  • प्रमुख विषय (हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, समाज विज्ञान): 120 प्रश्न

इस संरचना से छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मदद मिलेगी, और वे अपनी रणनीतियों को उचित रूप से तैयार कर सकेंगे।

बिहार STET विषयवार पाठ्यक्रम: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET (सामान्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) के पाठ्यक्रम में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है, जो उम्मीदवारों के ज्ञान और शिक्षण क्षमताओं का परीक्षण करते हैं।

1. हिंदी

  • व्याकरण: संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, वाक्य संरचना।
  • साहित्य: हिंदी कविता, कहानी, निबंध।
  • संवाद कौशल: संवाद लेखन, भाषण।

2. अंग्रेजी

  • व्याकरण: Parts of speech, tense, sentence structure।
  • साहित्य: अंग्रेजी कविता, कहानी, निबंध।
  • कौशल: सुनने, बोलने, पढ़ने और लिखने का अभ्यास।

3. गणित

  • संख्याएँ और संक्रियाएँ: अंकगणित, भिन्न, दशमलव।
  • ज्यामिति: आकृतियों, क्षेत्रफल और परिमाण की गणना।
  • आंकड़े: डेटा संग्रहण, तालिका और ग्राफ़।

4. विज्ञान

  • भौतिकी: बल, गति, ऊर्जा।
  • रसायन विज्ञान: पदार्थ, प्रतिक्रियाएँ, अभिक्रियाएँ।
  • जीव विज्ञान: जीवों की विशेषताएँ, पारिस्थितिकी।

5. समाज विज्ञान

  • इतिहास: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, प्राचीन भारत।
  • भूगोल: भारत का भूगोल, जलवायु।
  • राजनीति: संविधान, राजनीतिक प्रणाली।

यह पाठ्यक्रम छात्रों को विभिन्न विषयों में ज्ञान प्राप्त करने और परीक्षा में सफलता पाने में मदद करेगा।

बिहार STET शिक्षा शास्त्र: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में शिक्षा शास्त्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शिक्षकों की शिक्षा से संबंधित सिद्धांतों और विधियों का अध्ययन करता है।

1. शिक्षा के सिद्धांत

  • शिक्षा का अर्थ: शिक्षा की परिभाषा और उद्देश्य।
  • शिक्षा के प्रकार: औपचारिक, अनौपचारिक और अनिवार्य शिक्षा।
  • शिक्षा का महत्व: समाज में शिक्षा का स्थान और प्रभाव।

2. बाल विकास

  • विकास के चरण: शैशव, बाल्यकाल, किशोरावस्था।
  • मानसिक और शारीरिक विकास: बच्चों के मानसिक विकास के पहलू और शारीरिक विकास की आवश्यकता।
  • विकासात्मक सिद्धांत: पियाजे, वायगोत्स्की के सिद्धांत।

3. शिक्षण विधियाँ

  • शिक्षण के तरीके: व्याख्यात्मक, प्रायोगिक, समूह चर्चा।
  • शिक्षण सामग्री: पाठ्यपुस्तकें, मल्टीमीडिया, शैक्षिक गेम्स।
  • शिक्षण का मूल्यांकन: छात्रों के सीखने की प्रक्रिया का मूल्यांकन कैसे किया जाए।

4. शिक्षा का मनोविज्ञान

  • शिक्षा में मनोविज्ञान का उपयोग: छात्रों की मानसिकता और सीखने के तरीके।
  • प्रेरणा: छात्रों में सीखने की इच्छा उत्पन्न करना।
  • विभिन्न प्रकार के शिक्षार्थी: विभिन्न सीखने की शैलियाँ और उनके अनुसार शिक्षण रणनीतियाँ।

यह विषय शिक्षकों को उनके शिक्षण कार्य में सफलता पाने में मदद करेगा।

 

बिहार STET बाल विकास और शिक्षा: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में बाल विकास और शिक्षा का अध्ययन आवश्यक है। यह विषय बच्चों के विकासात्मक चरणों और शिक्षा के प्रभाव को समझने में मदद करता है।

1. बाल विकास के चरण

  • शैशव काल: जन्म से 2 वर्ष तक, संवेदी और मोटर कौशल का विकास।
  • बाल्यकाल: 2 से 6 वर्ष, सामाजिक और भाषा कौशल का विकास।
  • किशोरावस्था: 6 से 12 वर्ष, आत्म-प्रवृत्ति और सोचने की क्षमता का विकास।

2. विकास के सिद्धांत

  • पियाजे का सिद्धांत: बच्चों के ज्ञान का निर्माण और संज्ञानात्मक विकास के चार चरण।
  • वायगोत्स्की का सिद्धांत: सामाजिक इंटरैक्शन का महत्व और ज़ोन ऑफ प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट।

3. शिक्षा के सिद्धांत

  • शिक्षा की आवश्यकता: बच्चों के समग्र विकास के लिए शिक्षा का महत्व।
  • शिक्षा के प्रकार: औपचारिक, अनौपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा।

4. शिक्षण रणनीतियाँ

  • इंटरैक्टिव शिक्षण: खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखना।
  • व्यक्तिगत ध्यान: प्रत्येक बच्चे की जरूरतों के अनुसार शिक्षण।
  • परिवार की भूमिका: परिवार का बच्चों की शिक्षा और विकास में योगदान।

यह विषय शिक्षकों को बच्चों के विकास को समझने और उनके लिए प्रभावी शिक्षण विधियाँ अपनाने में मदद करेगा।

बिहार STET शिक्षण विधियाँ: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में शिक्षण विधियाँ महत्वपूर्ण हैं। ये शिक्षकों को प्रभावी ढंग से ज्ञान संप्रेषित करने और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने में मदद करती हैं।

1. व्याख्यात्मक विधियाँ

  • शिक्षण का स्वरूप: शिक्षक द्वारा जानकारी प्रस्तुत करना।
  • उदाहरण: व्याख्यान, क्लासिकल ट्यूशन।
  • लाभ: छात्रों को विषय की स्पष्टता मिलती है।

2. प्रायोगिक विधियाँ

  • कार्यकारी शिक्षण: छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कराने के लिए।
  • उदाहरण: प्रयोग, कार्यशालाएँ।
  • लाभ: छात्र सिद्धांत को वास्तविक जीवन में लागू कर सकते हैं।

3. सहयोगी विधियाँ

  • समूह चर्चा: छात्रों को एक साथ विचार साझा करने का अवसर।
  • उदाहरण: परियोजनाएँ, समूह गतिविधियाँ।
  • लाभ: सहयोग और टीम वर्क को बढ़ावा मिलता है।

4. तकनीकी विधियाँ

  • मल्टीमीडिया का उपयोग: तकनीकी संसाधनों का उपयोग करके शिक्षण।
  • उदाहरण: वीडियो, प्रेजेंटेशन, शैक्षिक सॉफ़्टवेयर।
  • लाभ: छात्रों की रुचि बढ़ती है और अवधारणाएँ स्पष्ट होती हैं।

5. भिन्न शिक्षण शैलियाँ

  • विभिन्न छात्रों के लिए: व्यक्तिगत ध्यान और विभिन्न तरीकों का उपयोग।
  • लाभ: छात्रों की भिन्न-भिन्न सीखने की शैलियों का सम्मान।

इन विधियों का समुचित उपयोग शिक्षकों को छात्रों की शिक्षा में सुधार लाने में सहायता करेगा।

बिहार STET मानसिक विकास: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में मानसिक विकास का अध्ययन बच्चों के संज्ञानात्मक और भावनात्मक विकास को समझने में महत्वपूर्ण है। यह शिक्षकों को छात्रों की मानसिक प्रक्रियाओं को पहचानने में मदद करता है।

1. मानसिक विकास के चरण

  • शैशव काल (0-2 वर्ष): संवेदी अनुभवों के माध्यम से ज्ञान का विकास।
  • बाल्यकाल (2-6 वर्ष): भाषा, सोचने की क्षमता और सामाजिक संबंधों का निर्माण।
  • किशोरावस्था (6-12 वर्ष): तार्किक सोच और समस्या समाधान की क्षमताओं का विकास।

2. विकासात्मक सिद्धांत

  • पियाजे का सिद्धांत: संज्ञानात्मक विकास के चार चरण—संवेदनात्मक, पूर्व-क्रियात्मक, ठोस, और रूपांतरित सोच।
  • वायगोत्स्की का सिद्धांत: सामाजिक इंटरैक्शन का महत्व और ज़ोन ऑफ प्रॉक्सिमल डेवलपमेंट।

3. मानसिक विकास के कारक

  • आनुवंशिकी: जीनों का प्रभाव।
  • पर्यावरण: सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिस्थितियों का योगदान।
  • शिक्षा: औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा का प्रभाव।

4. शिक्षा में मानसिक विकास

  • प्रेरणा: सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की रुचि को बढ़ाना।
  • सकारात्मक वातावरण: सहायक और प्रोत्साहक वातावरण का निर्माण।

इन पहलुओं का ध्यान रखते हुए, शिक्षक छात्रों के मानसिक विकास को समृद्ध कर सकते हैं।

बिहार STET सामाजिक विज्ञान के प्रमुख मुद्दे: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रमुख मुद्दों का अध्ययन छात्रों को समाज और उसके विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है। यह शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे इन मुद्दों को अच्छी तरह से जानें।

1. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

  • महत्व: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और आंदोलन।
  • उदाहरण: महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चक्रवर्ती राजगुरु।
  • अध्ययन: स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएँ और उनका प्रभाव।

2. भारतीय संविधान

  • संविधान का महत्व: लोकतंत्र की नींव और अधिकारों की सुरक्षा।
  • मुख्य विशेषताएँ: मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, नीति निर्देशक सिद्धांत।
  • अध्ययन: संविधान के प्रमुख अनुच्छेद और उनके उद्देश्य।

3. सामाजिक परिवर्तन

  • परिवर्तन के कारक: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारक।
  • उदाहरण: शिक्षा, तकनीकी विकास, वैश्वीकरण।
  • अध्ययन: सामाजिक परिवर्तन के प्रभाव और चुनौतियाँ।

4. संस्कृति और समाज

  • संस्कृति की परिभाषा: सामाजिक व्यवहार, मान्यताएँ और परंपराएँ।
  • सामाजिक संरचना: जाति, वर्ग और लिंग भेद।
  • अध्ययन: विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच अंतःक्रिया।

5. विकास और आर्थिक नीतियाँ

  • विकास की परिभाषा: आर्थिक और सामाजिक विकास की अवधारणा।
  • नीतियाँ: सरकारी योजनाएँ और उनका समाज पर प्रभाव।

इन प्रमुख मुद्दों का ज्ञान शिक्षकों को सामाजिक विज्ञान में गहरी समझ विकसित करने में सहायता करेगा।

बिहार STET विज्ञान के प्रमुख मुद्दे: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा में विज्ञान के प्रमुख मुद्दों का अध्ययन छात्रों को वैज्ञानिक अवधारणाओं और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है। यह शिक्षकों के लिए आवश्यक है कि वे इन मुद्दों को सही से जानें।

1. भौतिकी

  • प्रमुख अवधारणाएँ: गति, बल, ऊर्जा, दाब।
  • उदाहरण: न्यूटन के गति के नियम, ऊर्जा का संरक्षण।
  • अध्ययन: भौतिकी के सिद्धांतों का दैनिक जीवन में प्रयोग।

2. रसायन विज्ञान

  • रासायनिक अभिक्रियाएँ: अभिक्रिया की परिभाषा और प्रकार।
  • उदाहरण: एसिड-बेस, ऑक्सीकरण-अपघटन।
  • अध्ययन: रसायनों के गुण और उनके उपयोग।

3. जीव विज्ञान

  • जीवों का वर्गीकरण: पौधे, जानवर और सूक्ष्मजीव।
  • उदाहरण: पारिस्थितिकी तंत्र, खाद्य श्रृंखला।
  • अध्ययन: जीवों के जीवन चक्र और उनके पर्यावरण में भूमिका।

4. पर्यावरण विज्ञान

  • पर्यावरण के तत्व: वायु, जल, मृदा और जैव विविधता।
  • समस्याएँ: जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों का अव्यवस्थित उपयोग।
  • अध्ययन: पर्यावरण संरक्षण के उपाय।

5. विज्ञान का सामाजिक संदर्भ

  • विज्ञान और तकनीकी: विज्ञान का समाज पर प्रभाव।
  • उदाहरण: चिकित्सा में नवीनतम प्रगति, सूचना प्रौद्योगिकी।
  • अध्ययन: वैज्ञानिक विकास के नैतिक और सामाजिक मुद्दे।

इन मुद्दों का ज्ञान छात्रों को विज्ञान की गहरी समझ और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करने में मदद करेगा।

बिहार STET परीक्षा की तैयारी के टिप्स: STET Syllabus In Hindi

बिहार STET परीक्षा की तैयारी में सही रणनीतियों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए हैं:

1. पाठ्यक्रम को समझें

  • पाठ्यक्रम का अध्ययन: परीक्षा में शामिल सभी विषयों का गहन अध्ययन करें।
  • महत्वपूर्ण टॉपिक्स: प्रमुख मुद्दों और विषयों को प्राथमिकता दें।

2. अध्ययन सामग्री

  • सही किताबें: मान्यता प्राप्त किताबें और अध्ययन सामग्री का चयन करें।
  • ऑनलाइन संसाधन: वीडियो ट्यूटोरियल, MOOCs और शैक्षिक वेबसाइटों का उपयोग करें।

3. नियमित समय सारणी

  • अध्ययन का कार्यक्रम: दैनिक और साप्ताहिक अध्ययन योजनाएँ बनाएं।
  • विश्राम का समय: नियमित ब्रेक और विश्राम के लिए समय निकालें।

4. मॉक टेस्ट और प्रश्न पत्र

  • मॉक टेस्ट: नियमित रूप से मॉक परीक्षाएँ लें, जिससे परीक्षा का अनुभव हो सके।
  • पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें।

5. स्वास्थ्य का ध्यान

  • स्वस्थ जीवनशैली: पर्याप्त नींद और संतुलित आहार लें।
  • व्यायाम: मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।

6. सकारात्मक मानसिकता

  • आत्मविश्वास: अपने ज्ञान और क्षमताओं पर भरोसा रखें।
  • लक्ष्य निर्धारित करें: छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करें।

इन टिप्स का पालन करके, छात्र STET परीक्षा की तैयारी में सफलता हासिल कर सकते हैं।

STET पाठ्यक्रम से संबंधित सामान्य प्रश्न

Q1. STET पाठ्यक्रम में कौन-कौन से विषय शामिल हैं?

Ans: STET पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, और शिक्षा शास्त्र शामिल होते हैं।

Q2. क्या पाठ्यक्रम हर वर्ष बदलता है?

Ans: पाठ्यक्रम में परिवर्तन की संभावना होती है, इसलिए हमेशा आधिकारिक अधिसूचना और वेबसाइट पर चेक करें।

Q 3. STET परीक्षा के लिए अध्ययन की सही विधि क्या है?

Ans: पाठ्यक्रम को समझकर, सही अध्ययन सामग्री का चयन करके, नियमित मॉक टेस्ट देकर, और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करके तैयारी करें।

Q 4. क्या पाठ्यक्रम में बाल विकास और शिक्षा शामिल है?

Ans: हाँ, बाल विकास और शिक्षा STET पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो छात्रों के विकासात्मक चरणों को समझने में मदद करता है।

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