Article 77 in Hindi : Interpretations, Indian Governance

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संविधान के अनुच्छेद 77 (Article 77 in Hindi) भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में से एक है। यह अनुच्छेद केंद्र सरकार और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में महत्वपूर्ण निर्देश प्रदान करता है। अनुच्छेद 77 विशेष रूप से केंद्रीय कार्यकारी प्राधिकरण के कार्यों और उनके कर्तव्यों को स्पष्ट करता है, जिसमें राष्ट्रपति की भूमिकाओं और उनकी शक्तियों की व्याख्या की जाती है। इसके अंतर्गत, यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के सभी आदेश और निर्देश राष्ट्रपति के माध्यम से जारी किए जाएं, जो संविधान के तहत केंद्रीय सरकार की कार्यप्रणाली को संगठित और सुव्यवस्थित बनाता है।

लेख की संरचना

  1. परिचय: अनुच्छेद 77 की सामान्य जानकारी और इसका महत्व।
  2. अनुच्छेद 77 का विश्लेषण:
  • प्रस्तावना: अनुच्छेद का उद्देश्य और इसे लागू करने की आवश्यकता।
  • प्रमुख प्रावधान: अनुच्छेद 77 में वर्णित प्रमुख प्रावधान और उनकी व्याख्या।
  • राष्ट्रपति की भूमिका: राष्ट्रपति के माध्यम से आदेशों का निष्पादन और उनकी जिम्मेदारियाँ।
  • केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली: संविधान के अनुच्छेद 77 के अनुसार केंद्र सरकार के कार्यों का संचालन।

3. उपसंहार: अनुच्छेद 77 के महत्व का संक्षिप्त सारांश और इसका समकालीन संदर्भ में उपयोगिता।

Article 77 in Hindi: Definition

 

अनुच्छेद 77: परिभाषा (Article 77: Definition)

अनुच्छेद 77 का पाठ

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 77 में निम्नलिखित प्रावधान हैं:

  1. प्रस्तावना: अनुच्छेद 77 के अनुसार, राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश ही केंद्र सरकार के कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
  2. पाठ:
  • (1) राष्ट्रपति के कार्यों को अन्यथा किसी भी विधि द्वारा परिभाषित किया जा सकता है, लेकिन उन आदेशों या निर्देशों को राष्ट्रपति द्वारा जारी किया जाना चाहिए जो केन्द्र सरकार के कामकाज से संबंधित हैं।
  • (2) सभी आदेश और निर्देश राष्ट्रपति की ओर से जारी किए जाएंगे और केंद्र सरकार के अधिकारी उन आदेशों और निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे।
  • (3) किसी भी मामले में, राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई भी केंद्रीय प्राधिकारी आदेश नहीं जारी कर सकता है।

मुख्य बिंदुओं का सारांश

  1. राष्ट्रपति के माध्यम से आदेश: अनुच्छेद 77 स्पष्ट करता है कि केंद्र सरकार के सभी आदेश और निर्देश राष्ट्रपति की ओर से जारी किए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति केंद्रीय कार्यप्रणाली के संचालन में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
  2. केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली: अनुच्छेद 77 के अनुसार, राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश केंद्र सरकार के अधिकारियों के लिए आवश्यक होते हैं। इस प्रकार, राष्ट्रपति के आदेशों का पालन केंद्र सरकार के कार्यों की नियमितता और सुव्यवस्था सुनिश्चित करता है।
  3. प्रवर्तन और स्वीकृति: अनुच्छेद 77 में यह भी वर्णित है कि किसी भी केंद्रीय प्राधिकारी को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, जिससे राष्ट्रपति की मंजूरी केंद्रीय प्रशासन के प्रमुख तत्व के रूप में कार्य करती है।

Understanding Article 77 in Hindi

 

अनुच्छेद 77 की परिभाषा (Understanding Article 77)

अनुच्छेद 77 क्या है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 77 केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली और उसके आदेशों के प्रवर्तन से संबंधित प्रावधानों को निर्दिष्ट करता है। यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति के माध्यम से केंद्र सरकार के सभी आदेश और निर्देश जारी किए जाएं और उनकी मंजूरी से ही प्रशासनिक कार्य संपन्न हो।

इसके प्रावधानों की व्याख्या

1. राष्ट्रपति के माध्यम से आदेश (Subsection 1):

  • अनुच्छेद 77 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश ही केंद्र सरकार के कार्यों का आधार बनते हैं। इसका मतलब है कि राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए आदेशों के माध्यम से ही केंद्र सरकार की सभी नीतियाँ और योजनाएँ लागू की जाती हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि सभी कार्यकारी निर्णय राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही लागू हों।

2. प्रवर्तन और पालन (Subsection 2):

  • अनुच्छेद 77 (2) के अंतर्गत, सभी केंद्र सरकार के अधिकारी राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेशों और निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। इसका अर्थ है कि केंद्र सरकार के किसी भी विभाग या अधिकारी को राष्ट्रपति की ओर से जारी आदेशों की अनुपालना करनी होती है, जिससे एक व्यवस्थित और संगठित प्रशासन सुनिश्चित होता है।

3. स्वीकृति की आवश्यकता (Subsection 3):

  • अनुच्छेद 77 (3) में कहा गया है कि किसी भी केंद्रीय प्राधिकारी को राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई भी आदेश जारी करने का अधिकार नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि राष्ट्रपति की अनुमति के बिना कोई भी सरकारी आदेश या निर्देश मान्य नहीं होगा, जो राष्ट्रपति की केंद्रीय भूमिका और स्वीकृति को प्रबल बनाता है।

Provisions of Article 77 in Hindi

 

राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश

अनुच्छेद 77 के तहत, राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेशों का प्रबंधन निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर किया जाता है:

1. आदेशों का प्रवर्तन:

  • अनुच्छेद 77 के अनुसार, केंद्र सरकार के सभी आदेश और निर्देश राष्ट्रपति के माध्यम से जारी किए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि राष्ट्रपति के आदेशों के बिना कोई भी केंद्र सरकार का कार्यकारी निर्णय मान्य नहीं होता। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का मार्गदर्शन और अनुमोदन केंद्र सरकार के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल रहे।

2. आदेशों की स्वीकृति:

  • राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए आदेशों को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही लागू किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना कोई आदेश या निर्देश कानूनी रूप से मान्य नहीं होगा। इस प्रावधान से राष्ट्रपति की केंद्रीय भूमिका को मजबूती मिलती है और प्रशासनिक कार्यों की नियमितता बनाए रखी जाती है।

सरकारी कार्यों की जिम्मेदारी

अनुच्छेद 77 सरकारी कार्यों की जिम्मेदारी को निम्नलिखित तरीके से निर्धारित करता है:

1. कार्यकारी प्राधिकरण:

  • अनुच्छेद 77 के तहत, राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश केंद्र सरकार के सभी कार्यकारी प्राधिकरण के लिए अनिवार्य होते हैं। इसका मतलब यह है कि केंद्र सरकार के सभी विभाग और अधिकारी राष्ट्रपति के आदेशों के तहत कार्य करते हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि सरकार की कार्यप्रणाली राष्ट्रपति के मार्गदर्शन और नियंत्रण के तहत हो।

2. नियम और विनियम:

  • अनुच्छेद 77 के अनुसार, केंद्र सरकार के कार्यों का संचालन राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों के तहत किया जाता है। यह प्रावधान सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और सुव्यवस्था को सुनिश्चित करता है, क्योंकि सभी निर्णय राष्ट्रपति के अनुमोदन और मार्गदर्शन से होते हैं।

3. अधिकार और नियंत्रण:

  • राष्ट्रपति के आदेशों के तहत काम करने वाले सरकारी अधिकारी राष्ट्रपति के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य होते हैं। इसका अर्थ है कि सरकारी कार्यों की जिम्मेदारी राष्ट्रपति की ओर से जारी आदेशों पर निर्भर होती है, जिससे एक केंद्रीकृत और सुव्यवस्थित प्रशासनिक ढांचा सुनिश्चित होता है।

Article 77 in Hindi and Indian Governance

 

अनुच्छेद 77 और भारतीय शासन (Article 77 and Indian Governance)

संविधान में इसकी भूमिका

अनुच्छेद 77 भारतीय संविधान में केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली और राष्ट्रपति की भूमिका को स्पष्ट करने वाले प्रावधानों में से एक है। इसकी भूमिका निम्नलिखित है:

1. केंद्र सरकार का कार्यप्रबंधन:

  • अनुच्छेद 77 के अनुसार, राष्ट्रपति के माध्यम से केंद्र सरकार के सभी आदेश और निर्देश जारी किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी महत्वपूर्ण निर्णय और नीतिगत आदेश राष्ट्रपति के अनुमोदन से ही लागू हों, जो संविधान में राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करता है।

2. संविधानिक नियंत्रण:

  • यह अनुच्छेद केंद्र सरकार के कार्यों की विधिकता और संविधानिक मान्यता को बनाए रखता है। राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों के तहत कार्य करने से यह सुनिश्चित होता है कि केंद्र सरकार की सभी गतिविधियाँ संविधान और कानून के अनुसार हों।

3. प्रशासनिक सुव्यवस्था:

  • अनुच्छेद 77 का उद्देश्य प्रशासनिक सुव्यवस्था और नियमितता को बनाए रखना है। राष्ट्रपति के आदेश और निर्देशों के तहत सरकारी कार्यों का संचालन केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करता है और किसी भी कार्यकारी निर्णय की कानूनी वैधता सुनिश्चित करता है.

कार्यपालिका और राष्ट्रपति की भूमिका

1. राष्ट्रपति की भूमिका:

  • अनुच्छेद 77 के अनुसार, राष्ट्रपति केंद्र सरकार के आदेशों और निर्देशों के प्रमुख होते हैं। राष्ट्रपति का कार्यकारी प्राधिकरण और नियंत्रण भारतीय प्रशासनिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई भी सरकारी आदेश या निर्देश मान्य नहीं होता, जिससे राष्ट्रपति की भूमिका केंद्र सरकार के निर्णय लेने में केंद्रीय होती है।

2. कार्यपालिका की भूमिका:

  • केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय और विभाग राष्ट्रपति के आदेशों के अनुसार कार्य करते हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी राष्ट्रपति के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य होते हैं। कार्यपालिका के अधिकारी राष्ट्रपति की ओर से जारी आदेशों के अनुरूप सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करते हैं, जो प्रशासनिक कार्यों की नियमितता और दक्षता को सुनिश्चित करता है।

3. संबंध और समन्वय:

  • अनुच्छेद 77 राष्ट्रपति और कार्यपालिका के बीच एक समन्वय स्थापित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों के अनुसार कार्यपालिका अपनी जिम्मेदारियों को निभाए, और इससे सरकारी कार्यों में समन्वय और संगठित दृष्टिकोण बनाए रखा जाता है।

Interpretations of Article 77 in Hindi

 

अनुच्छेद 77 के व्याख्यान (Interpretations of Article 77)

प्रमुख न्यायिक व्याख्यान

अनुच्छेद 77 की न्यायिक व्याख्या भारतीय न्यायपालिका द्वारा की गई है, जो इसे विभिन्न संदर्भों में लागू करने में मदद करती है। निम्नलिखित प्रमुख न्यायिक व्याख्यान और उदाहरण इसे समझने में सहायक हो सकते हैं:

1. राष्ट्रपति की शक्तियों की स्पष्टता:

  • भारतीय न्यायालयों ने अनुच्छेद 77 की व्याख्या करते हुए यह स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति के आदेशों के बिना कोई भी केंद्र सरकार का निर्णय या निर्देश कानूनी रूप से मान्य नहीं हो सकता। यह व्याख्या राष्ट्रपति की शक्तियों को स्पष्ट करती है और यह सुनिश्चित करती है कि सभी कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति की मंजूरी से ही जारी किए जाएं।

2. आदेशों और निर्देशों की वैधता:

  • न्यायालयों ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि कोई सरकारी आदेश राष्ट्रपति के माध्यम से जारी नहीं किया गया है, तो वह आदेश वैध नहीं माना जाएगा। यह व्याख्या अनुच्छेद 77 के प्रावधानों के अनुसार कार्यप्रणाली की वैधता को सुनिश्चित करती है।

ऐतिहासिक मामले और उदाहरण

1. कुमारास्वामी केस (Kumaraswamy Case):

  • इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्धारित किया कि राष्ट्रपति के निर्देशों के बिना केंद्र सरकार के निर्णय लागू नहीं हो सकते। कोर्ट ने इस मामले में अनुच्छेद 77 के प्रावधानों को आधार मानते हुए राष्ट्रपति की भूमिका और कार्यकारी आदेशों की वैधता पर प्रकाश डाला।

2. संविधान संशोधन और कार्यकारी आदेश:

  • अनुच्छेद 77 का महत्व संविधान संशोधनों और कार्यकारी आदेशों की प्रक्रिया में भी देखा गया है। उदाहरण के लिए, जब केंद्र सरकार ने कोई नई नीति या संशोधन लागू किया है, तो राष्ट्रपति के आदेश और निर्देशों की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने व्याख्या की है।

3. राजीव गांधी और पीवी नरसिंह राव मामले:

  • इन मामलों में, राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों के बिना केंद्र सरकार के कार्यकारी निर्णयों की वैधता पर चर्चा की गई। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई भी महत्वपूर्ण सरकारी आदेश या निर्णय लागू नहीं हो सकता, जो अनुच्छेद 77 के प्रावधानों को सिद्ध करता है।

Implementation of Article 77 in Hindi

 

अनुच्छेद 77 का कार्यान्वयन (Implementation of Article 77)

वास्तविक कार्यान्वयन की प्रक्रिया

अनुच्छेद 77 के प्रावधानों को सही तरीके से लागू करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है:

1. राष्ट्रपति के माध्यम से आदेशों का जारी होना:

  • अनुच्छेद 77 के अनुसार, केंद्र सरकार के सभी महत्वपूर्ण आदेश और निर्देश राष्ट्रपति के माध्यम से जारी किए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि किसी भी सरकारी निर्णय को लागू करने से पहले राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और स्वीकृति की आवश्यकता होती है। राष्ट्रपति के आदेशों के बिना कोई भी सरकारी आदेश कानूनी रूप से मान्य नहीं होगा।

2. कैबिनेट की सिफारिशें:

  • राष्ट्रपति के आदेशों के लिए आमतौर पर कैबिनेट की सिफारिशें आवश्यक होती हैं। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की सलाह पर राष्ट्रपति निर्णय लेते हैं। इस प्रकार, राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश कैबिनेट के प्रस्तावों के आधार पर होते हैं, जिससे निर्णय प्रक्रिया में राजनीतिक और प्रशासनिक समन्वय सुनिश्चित होता है।

3. आदेशों का दस्तावेजीकरण और रिकॉर्ड:

  • राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए सभी आदेशों और निर्देशों का आधिकारिक रिकॉर्ड रखा जाता है। यह दस्तावेजीकरण सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और भविष्य में संदर्भ के लिए महत्वपूर्ण होता है। आदेशों को सरकारी गेजेट में प्रकाशित किया जाता है, जिससे सार्वजनिक और कानूनी दृष्टिकोण से उनकी वैधता सुनिश्चित होती है।

सरकारी आदेश और प्रबंधन

1. सरकारी आदेशों का कार्यान्वयन:

  • राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेशों को संबंधित मंत्रालयों और सरकारी विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। ये विभाग आदेशों को लागू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और नीतियों को अपनाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि राष्ट्रपति एक नई नीति लागू करते हैं, तो संबंधित मंत्रालय उस नीति को कार्यान्वित करने के लिए योजना बनाता है और कार्यान्वयन करता है।

2. निगरानी और मूल्यांकन:

  • आदेशों के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन केंद्रीय और राज्य स्तर पर किया जाता है। संबंधित विभाग और मंत्रालय यह सुनिश्चित करते हैं कि आदेशों और निर्देशों का सही तरीके से पालन किया जा रहा है। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे राष्ट्रपति या कैबिनेट के ध्यान में लाया जाता है।

3. विवाद समाधान:

  • यदि राष्ट्रपति के आदेशों या निर्देशों के कार्यान्वयन में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो यह विवाद न्यायालयों के माध्यम से हल किया जा सकता है। न्यायालय अनुच्छेद 77 के प्रावधानों के अनुसार आदेशों की वैधता और उनके कार्यान्वयन पर निर्णय लेते हैं।

4. प्रशासनिक समन्वय:

  • सरकारी आदेशों के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है। यह समन्वय सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति के आदेशों का समुचित और संगठित तरीके से कार्यान्वयन हो सके।

Benefits of Article 77 in Hindi

 

अनुच्छेद 77 के लाभ (Benefits of Article 77)

सरकारी कार्यों की व्यवस्थित प्रक्रिया

1. केंद्रित निर्णय लेने की प्रक्रिया:

  • अनुच्छेद 77 के तहत, राष्ट्रपति के माध्यम से सभी सरकारी आदेश और निर्देश जारी किए जाते हैं। यह एक केंद्रीकृत निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है, जिससे निर्णयों की प्रभावशीलता और सुसंगतता बनी रहती है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई भी महत्वपूर्ण आदेश लागू नहीं होता, जो सरकारी निर्णयों को संगठित और सुव्यवस्थित बनाता है।

2. नियमित और सुसंगठित कार्यप्रणाली:

  • राष्ट्रपति के आदेशों के तहत सभी सरकारी कार्य किए जाते हैं, जिससे सरकारी कार्यों की नियमितता और सुव्यवस्था बनाए रहती है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि सभी विभाग और मंत्रालय राष्ट्रपति के आदेशों के अनुसार कार्य करें, जिससे कार्यप्रणाली में व्यवधान कम होता है।

3. समन्वय और एकरूपता:

  • अनुच्छेद 77 से सरकारी कार्यों के समन्वय में सहूलियत होती है, क्योंकि सभी आदेश राष्ट्रपति के माध्यम से जारी होते हैं। इससे विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच एकरूपता और समन्वय बनाए रखना आसान होता है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में समन्वय और संगठित दृष्टिकोण सुनिश्चित होता है।

प्रशासनिक पारदर्शिता

1. आदेशों की वैधता और पारदर्शिता:

  • अनुच्छेद 77 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेशों का दस्तावेजीकरण और सार्वजनिक प्रकाशन सुनिश्चित किया जाता है। इससे आदेशों की वैधता और पारदर्शिता बनी रहती है, और नागरिकों को सरकारी नीतियों और निर्णयों के बारे में जानकारी मिलती है।

2. जवाबदेही और निगरानी:

  • राष्ट्रपति के आदेशों के आधार पर सरकारी कार्यों का प्रबंधन होने से जवाबदेही और निगरानी की प्रक्रिया मजबूत होती है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी अधिकारी राष्ट्रपति के आदेशों का सही तरीके से पालन करें और किसी भी समस्या या विवाद की स्थिति में उचित कदम उठाए जाएं।

3. सार्वजनिक विश्वास और विश्वासनीयता:

  • जब सरकारी आदेश और निर्णय राष्ट्रपति के माध्यम से जारी होते हैं और उनकी पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, तो इससे नागरिकों का सरकारी संस्थानों पर विश्वास बढ़ता है। पारदर्शिता और स्पष्टता से सरकार की नीतियों और निर्णयों को लेकर सार्वजनिक विश्वास और विश्वासनीयता में सुधार होता है।

4. विवाद समाधान की प्रक्रिया:

  • यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों की न्यायिक समीक्षा की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आदेशों का सही ढंग से पालन हो रहा है और किसी भी गलतफहमी या विवाद को न्यायिक तरीके से हल किया जा सकता है।

Challenges of Article 77 in Hindi

 

अनुच्छेद 77 की चुनौतियाँ (Challenges of Article 77)

संभावित समस्याएँ

1. केंद्रित निर्णय प्रक्रिया का भार:

  • अनुच्छेद 77 के तहत, राष्ट्रपति के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण आदेश और निर्देश जारी होते हैं। इस केंद्रीयकरण से राष्ट्रपति पर अत्यधिक भार पड़ सकता है, विशेषकर जब केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों की संख्या अधिक हो। यह प्रक्रिया समय-प्रबन्धन की समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है और निर्णय लेने में विलंब का कारण बन सकती है।

2. ब्यूरोक्रेटिक विलंब:

  • राष्ट्रपति के आदेशों का दस्तावेजीकरण और स्वीकृति की प्रक्रिया से कभी-कभी सरकारी कार्यों में विलंब हो सकता है। यह ब्यूरोक्रेटिक विलंब का कारण बन सकता है, जो नीतिगत निर्णयों और कार्यान्वयन में देरी कर सकता है।

3. राजनीतिक हस्तक्षेप:

  • राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों को कैबिनेट के प्रस्तावों पर आधारित किया जाता है, जो राजनीतिक दृष्टिकोणों से प्रभावित हो सकते हैं। इससे राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना बढ़ जाती है, जो निर्णय लेने की निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता को प्रभावित कर सकता है।

4. प्रशासनिक समन्वय की कमी:

  • विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय की कमी के कारण, राष्ट्रपति के आदेशों का सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो सकता। यह प्रबंधन की जटिलताओं और समन्वय की समस्याओं का कारण बन सकता है।

5. नागरिकों की पहुंच में कमी:

  • कभी-कभी राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेशों और निर्देशों की जानकारी की पहुंच सामान्य नागरिकों तक नहीं हो पाती। इससे पारदर्शिता की कमी और नागरिकों की सरकार के प्रति विश्वास में कमी हो सकती है।

सुधार की आवश्यकता

1. डिजिटल प्रणाली का उपयोग:

  • राष्ट्रपति के आदेशों और निर्देशों की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सॉफ़्टवेयर की मदद से दस्तावेज़ीकरण और स्वीकृति की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जा सकता है।

2. वेतन प्रबंधन और दायित्व वितरण:

  • राष्ट्रपति पर भार को कम करने के लिए, कुछ कार्यों और निर्णयों का दायित्व अन्य उच्चतम अधिकारियों या समितियों को सौंपा जा सकता है। इससे राष्ट्रपति पर अतिरिक्त बोझ कम होगा और कार्यों की गति में सुधार होगा।

3. विषय-विशेष समितियों की स्थापना:

  • विशेष विषयों और नीतियों पर निर्णय लेने के लिए विषय-विशेष समितियाँ स्थापित की जा सकती हैं। ये समितियाँ कैबिनेट और राष्ट्रपति को सलाह दे सकती हैं और निर्णय लेने की प्रक्रिया को और भी सटीक और त्वरित बना सकती हैं।

4. प्रशासनिक समन्वय को मजबूत करना:

  • विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय के लिए प्रक्रियाओं को स्पष्ट और सुव्यवस्थित किया जा सकता है। नियमित समन्वय बैठकें और संचार चैनल्स के माध्यम से आदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सकता है।

5. जन सूचना और पारदर्शिता:

  • नागरिकों तक आदेशों और निर्देशों की पहुंच को बढ़ाने के लिए, पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय किए जा सकते हैं। सरकारी वेबसाइटों और अन्य सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आदेशों की जानकारी को साझा किया जा सकता है, जिससे नागरिकों को सरकारी कार्यों के बारे में अपडेट प्राप्त हो सके।

Freqently Asked Questions (FAQs)

Q1: अनुच्छेद 77 क्या है?

अनुच्छेद 77 भारतीय संविधान का एक प्रावधान है जो केंद्र सरकार के आदेश और निर्देशों को राष्ट्रपति के माध्यम से जारी करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है। इसके अनुसार, सभी महत्वपूर्ण सरकारी आदेश राष्ट्रपति के आदेशों के माध्यम से जारी होते हैं।

Q2: अनुच्छेद 77 का मुख्य उद्देश्य क्या है?

अनुच्छेद 77 का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र सरकार के सभी आदेश और निर्देश राष्ट्रपति की मंजूरी से ही जारी हों, जिससे प्रशासनिक कार्यों की सुव्यवस्था और संगठितता बनी रहे।

Q3: राष्ट्रपति के आदेश कैसे जारी किए जाते हैं?

राष्ट्रपति के आदेश और निर्देश कैबिनेट की सिफारिशों पर आधारित होते हैं। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की सलाह पर राष्ट्रपति निर्णय लेते हैं और आदेश जारी करते हैं।

Q4:अनुच्छेद 77 के प्रावधानों का पालन क्यों महत्वपूर्ण है?

अनुच्छेद 77 के प्रावधानों का पालन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली राष्ट्रपति के मार्गदर्शन और अनुमोदन के अनुसार हो, जिससे निर्णयों की वैधता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

 

Q5: अनुच्छेद 77 के कार्यान्वयन में कौन सी समस्याएँ हो सकती हैं?

अनुच्छेद 77 के कार्यान्वयन में संभावित समस्याएँ शामिल हो सकती हैं जैसे कि राष्ट्रपति पर अत्यधिक भार, ब्यूरोक्रेटिक विलंब, राजनीतिक हस्तक्षेप, और प्रशासनिक समन्वय की कमी।

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