IAS Full Form in Hindi (Indian Administrative Service) है, जिसे हिंदी में भारतीय प्रशासनिक सेवा कहते हैं। यह भारत की प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक है, जो प्रशासनिक कार्यों, नीतियों और सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
- IAS Full Form in Hindi – Overview
- IAS Full Form in Hindi – History
- IAS Full Form in Hindi – Evolution from ICS
- IAS Full Form in Hindi – Eligibility
- IAS Full Form in Hindi – Exam Pattern
- IAS Full Form in Hindi – Syllabus
- IAS Full Form in Hindi – How to Prepare for IAS?
- IAS Full Form in Hindi – Responsibilities
- Frequently Asked Question (FAQs)
IAS Full Form in Hindi – Overview
IAS का पूर्ण रूप: भारतीय प्रशासनिक सेवा
IAS का अर्थ और भूमिका
IAS का फुल फॉर्म Indian Administrative Service है, जिसे हिंदी में भारतीय प्रशासनिक सेवा कहते हैं। यह भारत सरकार की सिविल सेवाओं में सबसे प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण सेवा मानी जाती है। IAS अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के माध्यम से किया जाता है।
IAS अधिकारी की जिम्मेदारियां
IAS अधिकारी का कार्य प्रशासनिक मशीनरी को सुचारु रूप से चलाना है। उनकी मुख्य जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- नीतियों और योजनाओं का निर्माण और कार्यान्वयन।
- कानून और व्यवस्था बनाए रखना।
- विकासात्मक परियोजनाओं की निगरानी करना।
- जिलाधिकारी, सचिव, और अन्य उच्च पदों पर कार्य करना।
IAS बनने की प्रक्रिया
IAS अधिकारी बनने के लिए UPSC द्वारा तीन चरणों में परीक्षा आयोजित की जाती है:
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न।
- मुख्य परीक्षा (Mains) – वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्न।
- साक्षात्कार (Interview) – व्यक्तित्व परीक्षण।
IAS का महत्व
भारतीय प्रशासनिक सेवा को देश का रीढ़ माना जाता है क्योंकि यह केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य करती है। यह देश के विकास, नीति निर्माण, और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
IAS अधिकारी बनने का सपना लाखों युवाओं का होता है, और यह सेवा उन्हें समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर प्रदान करती है।
IAS Full Form in Hindi – History
IAS का इतिहास: भारतीय प्रशासनिक सेवा का विकास
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का इतिहास भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित इंडियन सिविल सर्विस (ICS) से जुड़ा हुआ है। इसे 1858 में भारत सरकार अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। उस समय, ICS को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए बनाया गया था।
ब्रिटिश काल का योगदान
- ICS का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के हितों को सुरक्षित रखना और भारत में कानून-व्यवस्था बनाए रखना था।
- प्रारंभ में, केवल ब्रिटिश नागरिक ही इस सेवा में नियुक्त होते थे। भारतीयों के लिए इसमें शामिल होना कठिन था।
भारतीयों की भागीदारी
- 1922 में, भारतीयों के लिए सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिला।
- इस सेवा में कई प्रमुख भारतीय नेताओं जैसे सुभाष चंद्र बोस और सत्येंद्र नाथ टैगोर ने अपनी पहचान बनाई। सत्येंद्र नाथ टैगोर ICS में शामिल होने वाले पहले भारतीय थे।
स्वतंत्रता के बाद का परिवर्तन
- 1947 में स्वतंत्रता के बाद, इंडियन सिविल सर्विस (ICS) का नाम बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कर दिया गया।
- इसका उद्देश्य स्वतंत्र भारत के प्रशासनिक और विकासात्मक कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करना था।
आज का IAS
IAS अब भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित करियर विकल्पों में से एक है। यह सेवा प्रशासनिक नेतृत्व प्रदान करती है और सरकार की योजनाओं को जमीन पर लागू करने में अहम भूमिका निभाती है। भारतीय प्रशासनिक सेवा ने स्वतंत्र भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
IAS Full Form in Hindi – Evolution from ICS
IAS का विकास: ICS से IAS तक का सफर
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का विकास ब्रिटिश शासनकाल की इंडियन सिविल सर्विस (ICS) से हुआ है। यह बदलाव भारत के औपनिवेशिक इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम से गहराई से जुड़ा हुआ है।
ICS का गठन
- 1858 में, भारत सरकार अधिनियम के तहत इंडियन सिविल सर्विस (ICS) की स्थापना की गई।
- ICS का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के प्रशासनिक और कानून-व्यवस्था संबंधी कार्यों को संभालना था।
- शुरू में, केवल ब्रिटिश नागरिकों को ही इस सेवा में प्रवेश की अनुमति थी।
भारतीयों की भागीदारी
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भारतीयों ने ICS में भाग लेने की मांग की।
- 1922 में, भारतीयों को ICS परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई।
- सत्येंद्र नाथ टैगोर पहले भारतीय थे जिन्होंने ICS में स्थान प्राप्त किया।
- हालांकि, भारतीयों की संख्या सीमित थी और वे उच्च प्रशासनिक पदों तक नहीं पहुँच पाते थे।
स्वतंत्रता के बाद का बदलाव
- 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, इंडियन सिविल सर्विस का नाम बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कर दिया गया।
- IAS का उद्देश्य एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक भारत की प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा करना था।
IAS की स्थापना और महत्व
- IAS अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से किया जाने लगा।
- IAS को देश के प्रशासन की रीढ़ माना जाता है, और इसे नीतियों के निर्माण, कार्यान्वयन, और विकास परियोजनाओं की देखरेख में प्रमुख भूमिका दी गई।
IAS का गठन ICS के औपनिवेशिक ढांचे को बदलकर स्वतंत्र भारत की विकासशील आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया, और यह सेवा आज भी देश के प्रशासनिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
IAS Full Form in Hindi – Eligibility
IAS बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफल होना आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित योग्यताओं की आवश्यकता होती है:
शैक्षणिक योग्यता
- उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होनी चाहिए।
- अंतिम वर्ष के छात्र भी परीक्षा में बैठ सकते हैं, बशर्ते वे परीक्षा के समय तक स्नातक उत्तीर्ण कर लें।
आयु सीमा
- न्यूनतम आयु: 21 वर्ष।
- अधिकतम आयु:
- सामान्य वर्ग (General): 32 वर्ष।
- ओबीसी (OBC): 35 वर्ष (3 वर्ष की छूट)।
- एससी/एसटी (SC/ST): 37 वर्ष (5 वर्ष की छूट)।
- कुछ विशेष वर्ग जैसे दिव्यांग व्यक्तियों को अतिरिक्त छूट मिलती है।
राष्ट्रीयता
- उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- नेपाल या भूटान के नागरिक या भारत में स्थायी रूप से बसे तिब्बती शरणार्थी भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन कुछ शर्तों के तहत।
प्रयासों की सीमा
- सामान्य वर्ग: 6 प्रयास।
- ओबीसी: 9 प्रयास।
- एससी/एसटी: प्रयासों की कोई सीमा नहीं।
शारीरिक फिटनेस
- उम्मीदवार को चयन प्रक्रिया के अंत में चिकित्सा परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए इन सभी योग्यताओं को पूरा करना और कड़ी मेहनत करना आवश्यक है। IAS अधिकारी बनने का सपना लाखों युवा देखते हैं, और इसके लिए सही योजना और तैयारी की जरूरत होती है।
IAS Full Form in Hindi – Exam Pattern
IAS परीक्षा पैटर्न (Exam Pattern)
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) तीन चरणों में होती है। यह पैटर्न उम्मीदवार की बौद्धिक क्षमता, प्रशासनिक कौशल, और व्यक्तित्व का आकलन करता है।
1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
- यह पात्रता परीक्षा है, जो केवल अगले चरण के लिए योग्य होने का मापदंड है।
- इसमें दो पेपर होते हैं:
- सामान्य अध्ययन (General Studies) – पेपर I
- विषय: भारतीय इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, और विज्ञान।
- अंक: 200 (100 प्रश्न)।
- समय: 2 घंटे।
- सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) – पेपर II
- विषय: तार्किक क्षमता, गणित, संचार कौशल, और निर्णय क्षमता।
- अंक: 200 (80 प्रश्न)।
- समय: 2 घंटे।
- न्यूनतम योग्यता: 33% अंक।
- सामान्य अध्ययन (General Studies) – पेपर I
2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam)
- यह वर्णनात्मक परीक्षा होती है।
- कुल 9 पेपर होते हैं, जिनमें से 7 पेपर मेरिट में गिने जाते हैं और 2 भाषा पेपर क्वालिफाइंग होते हैं।
पेपर विवरण:
- निबंध (Essay) – 250 अंक।
- सामान्य अध्ययन (General Studies):
- पेपर I: भारतीय संस्कृति, इतिहास, और भूगोल।
- पेपर II: शासन, संविधान, और अंतरराष्ट्रीय संबंध।
- पेपर III: अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, और आपदा प्रबंधन।
- पेपर IV: नैतिकता और सत्यनिष्ठा। (हर पेपर 250 अंक)।
- वैकल्पिक विषय (Optional Subject):
- दो पेपर, प्रत्येक 250 अंक।
- भाषा पेपर (Qualifying):
- अंग्रेजी और एक भारतीय भाषा, प्रत्येक 300 अंक।
3. साक्षात्कार (Interview)
- अंतिम चरण व्यक्तित्व परीक्षण (Personality Test) का होता है।
- कुल अंक: 275।
- यह उम्मीदवार की तर्क क्षमता, नेतृत्व कौशल, और सामाजिक ज्ञान को परखता है।
कुल अंक और चयन प्रक्रिया
- मुख्य परीक्षा (1750 अंक) + साक्षात्कार (275 अंक) = कुल 2025 अंक।
- अंतिम चयन मेरिट सूची के आधार पर होता है।
IAS परीक्षा पैटर्न उम्मीदवार की व्यापक ज्ञान और प्रशासनिक क्षमता का परीक्षण करता है। इसे पास करने के लिए गहन अध्ययन और अनुशासन आवश्यक है।
IAS Full Form in Hindi – Syllabus
IAS परीक्षा का सिलेबस (Syllabus)
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा का सिलेबस UPSC द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह सिलेबस तीन चरणों – प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), और साक्षात्कार (Interview) – के लिए अलग-अलग होता है।
1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
पेपर I: सामान्य अध्ययन (General Studies)
- इतिहास: भारत का प्राचीन, मध्यकालीन, और आधुनिक इतिहास।
- भूगोल: भारत और विश्व का भौतिक, आर्थिक, और सामाजिक भूगोल।
- राजनीति और शासन: भारतीय संविधान, सार्वजनिक नीति, और शासन।
- अर्थव्यवस्था: भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख पहलू, योजनाएं, और नीतियां।
- पर्यावरण और पारिस्थितिकी: जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, और पर्यावरण संरक्षण।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी: सामान्य विज्ञान, नवीनतम तकनीकी विकास।
पेपर II: CSAT (Civil Services Aptitude Test)
- तार्किक क्षमता और विश्लेषण।
- गणितीय कौशल और डेटा व्याख्या।
- निर्णय लेने और समस्या समाधान।
- पढ़ने और समझने की क्षमता।
2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam)
सामान्य अध्ययन (General Studies):
- पेपर I:
- भारतीय संस्कृति और विरासत।
- आधुनिक भारतीय इतिहास।
- स्वतंत्रता संग्राम।
- विश्व इतिहास।
- पेपर II:
- भारतीय संविधान, प्रशासनिक संरचना।
- सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध।
- पेपर III:
- आर्थिक विकास।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
- पर्यावरण।
- आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन।
- पेपर IV:
- नैतिकता, सत्यनिष्ठा, और अभिरुचि।
निबंध (Essay):
- विविध विषयों पर विचारशील और संरचित निबंध।
वैकल्पिक विषय (Optional Subject):
- दो पेपर किसी एक वैकल्पिक विषय पर। विषय जैसे: साहित्य, भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र आदि।
क्वालिफाइंग पेपर:
- एक भारतीय भाषा और अंग्रेजी।
3. साक्षात्कार (Interview)
- व्यक्तिगत क्षमता, तर्क कौशल, और निर्णय लेने की क्षमता का परीक्षण।
- सामाजिक, प्रशासनिक, और समसामयिक मुद्दों की समझ।
IAS परीक्षा का सिलेबस व्यापक है और यह उम्मीदवार की बौद्धिक क्षमता, प्रशासनिक समझ, और सामाजिक ज्ञान का परीक्षण करता है। गहन तैयारी और सही रणनीति से इसे सफलता पूर्वक पूरा किया जा सकता है।
IAS Full Form in Hindi – How to Prepare for IAS?
IAS की परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा एक अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, जिसे सफलता से पास करने के लिए समर्पण, योजना, और सही रणनीति की आवश्यकता होती है। IAS परीक्षा में सफलता पाने के लिए निम्नलिखित कदमों को अपनाया जा सकता है:
1. परीक्षा का सिलेबस और पैटर्न समझें
- सबसे पहले, UPSC द्वारा निर्धारित IAS परीक्षा का सिलेबस और पैटर्न को अच्छे से समझें।
- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और साक्षात्कार का ढांचा जानकर आप अपनी तैयारी की दिशा तय कर सकते हैं।
2. समय प्रबंधन
- समय का सही तरीके से उपयोग करने के लिए वास्तविक समय सारणी बनाएं।
- प्रत्येक विषय के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करें और उसमें फोकस रखें।
- डेली टाइम टेबल के अनुसार नियमित अध्ययन करें।
3. अध्ययन सामग्री का चयन
- सर्वश्रेष्ठ किताबें और संसाधन का चयन करें। उदाहरण के लिए:
- सामान्य अध्ययन: एनसीईआरटी की किताबें (6वीं से 12वीं), इंडियाज मेकिंग, भारतीय राजनीति की किताबें, आदि।
- वैकल्पिक विषय: चयनित विषय की प्रसिद्ध किताबें और सामग्री।
- समाचार पत्र (जैसे: The Hindu, The Indian Express) और मासिक पत्रिकाएँ (जैसे: Yojana, Kurukshetra) पढ़ें।
4. नियमित मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस
- प्रैक्टिस मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्न पत्र हल करें।
- यह आपको परीक्षा के पैटर्न को समझने में मदद करेगा और आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा।
5. नोट्स बनाना
- पढ़ाई के दौरान संक्षेप में नोट्स बनाएं, खासकर महत्वपूर्ण तथ्यों, परिभाषाओं, और उदाहरणों के लिए।
- इससे आपको अंतिम समय में जल्दी रिवीजन करने में मदद मिलेगी।
6. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
- मानसिक दृढ़ता और धैर्य बनाए रखें। IAS की तैयारी लंबी होती है, इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ आहार लें, ताकि आप शारीरिक रूप से भी फिट रहें।
7. समसामयिक घटनाओं पर ध्यान
- समसामयिक घटनाओं (Current Affairs) पर ध्यान दें, क्योंकि ये विषय सामान्य अध्ययन के पेपर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- समाचार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, सरकारी योजनाओं और नीतियों पर अपडेट रहें।
8. विश्लेषण और संशोधन
- नियमित रूप से अपनी तैयारी का विश्लेषण करें।
- हर विषय पर संशोधन करें और कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें।
9. साक्षात्कार की तैयारी
- मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार का चरण होता है।
- समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था और शासन पर गहरी समझ विकसित करें।
- मॉक इंटरव्यू की तैयारी करें और खुद को आत्मविश्वास से भरपूर रखें।
IAS Full Form in Hindi – Responsibilities
IAS अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ (Responsibilities of IAS Officers)
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी देश के प्रशासनिक ढांचे के महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इन अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ सरकार के विभिन्न स्तरों पर कार्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने की होती हैं। IAS अधिकारियों के मुख्य कार्य क्षेत्र में निम्नलिखित जिम्मेदारियाँ शामिल हैं:
1. नीति निर्माण और क्रियान्वयन (Policy Formulation and Implementation)
- IAS अधिकारी सरकार की नीतियों और योजनाओं का निर्माण करते हैं और उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी निभाते हैं।
- वे विभिन्न विभागों में नीति कार्यों को देखते हुए उन्हें सटीक रूप से लागू करते हैं, जिससे प्रशासन का उद्देश्य पूरा हो सके।
2. प्रशासनिक प्रबंधन (Administrative Management)
- IAS अधिकारी जिलों, राज्यों या मंत्रालयों में प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
- वे अधिकारियों और कर्मचारियों का नेतृत्व करते हैं, काम का विभाजन करते हैं और प्रशासनिक कार्यों में दक्षता बनाए रखते हैं।
3. कानून-व्यवस्था और सुरक्षा (Law and Order)
- IAS अधिकारियों का एक प्रमुख कार्य क्षेत्र कानून और व्यवस्था बनाए रखना होता है। वे स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से शांति और सुरक्षा की स्थिति बनाए रखते हैं।
4. विकास कार्यों की निगरानी (Supervision of Developmental Activities)
- अधिकारी राज्य या जिले में विकासात्मक योजनाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों का निर्माण, जल आपूर्ति, ग्रामीण विकास आदि की निगरानी करते हैं।
- वे यह सुनिश्चित करते हैं कि इन योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे और उन्हें सही तरीके से लागू किया जाए।
5. बजट और वित्तीय प्रबंधन (Budget and Financial Management)
- IAS अधिकारी सरकारी बजट तैयार करने और उसे लागू करने की जिम्मेदारी निभाते हैं।
- वे विभिन्न विभागों के लिए वित्तीय प्रबंधन करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी धन का सही उपयोग हो।
6. आपातकालीन प्रबंधन (Crisis Management)
- किसी प्राकृतिक आपदा या आपातकालीन स्थिति में IAS अधिकारी त्वरित निर्णय लेते हैं और राहत कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
- वे स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर संकट के समय में नागरिकों की सुरक्षा और मदद सुनिश्चित करते हैं।
7. जनसंपर्क (Public Relations)
- IAS अधिकारी जनता के साथ सीधा संपर्क बनाए रखते हैं और उनके मुद्दों, समस्याओं और सुझावों का समाधान करते हैं।
- वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने का काम भी करते हैं।
8. अनुशासन और निगरानी (Disciplinary and Monitoring Role)
- IAS अधिकारी प्रशासन में सभी कार्यों की निगरानी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कर्मचारी नियमों और विधियों का पालन करें।
- वे सरकारी अधिकारियों के आचरण और कार्यों पर निगरानी रखते हैं।
9. अंतर्राष्ट्रीय और राज्य संबंध (International and State Relations)
- वे राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित करते हैं और साथ ही, कभी-कभी, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Freqently Asked Questions (FAQs)
1. IAS का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: IAS का पूरा नाम भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) है।
2. IAS बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी होती है?
उत्तर: IAS बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित संघ लोक सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) देनी होती है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), और साक्षात्कार (Interview)।
3. IAS के लिए क्या योग्यता चाहिए?
उत्तर:
- उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री होनी चाहिए।
- आयु सीमा: सामान्य श्रेणी के लिए 21 से 32 वर्ष के बीच।
- आरक्षित श्रेणियों के लिए आयु सीमा में छूट दी जाती है।
4. IAS परीक्षा में कितने पेपर होते हैं?
उत्तर: IAS परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं:
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 2 पेपर (सामान्य अध्ययन और CSAT)
- मुख्य परीक्षा (Mains) – 9 पेपर (सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय, निबंध, और क्वालिफाइंग भाषाएँ)
5. IAS बनने के बाद क्या जिम्मेदारियाँ होती हैं?
उत्तर: IAS अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ प्रशासनिक प्रबंधन, विकास योजनाओं का कार्यान्वयन, बजट और वित्तीय प्रबंधन, कानून-व्यवस्था, जनसंपर्क, और आपातकालीन स्थिति में नेतृत्व प्रदान करना शामिल हैं। वे सरकारी नीतियों को लागू करने और जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।