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Kahani Lekhan In Hindi : Elements, Story Writing

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कहानी लेखन (Kahani Lekhan In Hindi) एक सृजनात्मक और कल्पनाशील प्रक्रिया है, जिसमें लेखक अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को कथा के रूप में प्रस्तुत करता है। यह एक ऐसी कला है जो पाठकों को भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखती है। कहानियाँ मानव सभ्यता के प्रारंभ से ही ज्ञान, मनोरंजन, और प्रेरणा का स्रोत रही हैं। चाहे वह प्राचीन काल की लोककथाएँ हों या आधुनिक साहित्यिक रचनाएँ, कहानियों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को सरलता और सहजता से व्यक्त किया जाता है। कहानी लेखन केवल घटनाओं का वर्णन नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली यात्रा है जिसमें पाठक और लेखक दोनों अपने विचारों, भावनाओं और कल्पनाओं के सहारे एक नई दुनिया का अनुभव करते हैं। 

कहानी के प्रमुख तत्व (Elements of a Story) : Kahani Lekhan In Hindi

1. कथानक (Plot)

  • मुख्य घटनाओं का क्रम: कहानी की शुरुआत, मध्य, और अंत को मिलाकर घटनाओं का ताना-बाना बनता है।
  • संघर्ष और समाधान: कहानी में उत्पन्न समस्या और उसका समाधान कथानक को रोचक बनाते हैं।
  • रोचक मोड़: कथानक में आने वाले अप्रत्याशित मोड़ कहानी में उत्सुकता बनाए रखते हैं।

2. पात्र (Characters)

  • मुख्य पात्र: कहानी के केंद्रीय पात्र, जिनके इर्द-गिर्द पूरी कहानी घूमती है।
  • सहायक पात्र: वे पात्र जो मुख्य पात्रों के साथ मिलकर कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • पात्रों का विकास: पात्रों की भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विशेषताओं का चित्रण कहानी को गहराई देता है।

3. संवाद (Dialogue)

  • संवादों के माध्यम से कथा का विकास: संवाद पात्रों की बातचीत के माध्यम से कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
  • भावनाओं का संप्रेषण: संवाद पात्रों की भावनाओं और विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं।
  • स्वाभाविकता: संवादों में स्वाभाविकता से कहानी अधिक वास्तविक और प्रभावशाली लगती है।

4. वातावरण (Setting)

  • समय और स्थान: कहानी किस समय और स्थान पर हो रही है, इसका वर्णन आवश्यक होता है।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि: कहानी के वातावरण में पात्रों का समाज और संस्कृति भी प्रभाव डालते हैं।
  • वातावरण का प्रभाव: कहानी के माहौल से पात्रों के निर्णय और घटनाओं की दिशा पर प्रभाव पड़ता है।

5. दृष्टिकोण (Point of View)

  • पहला व्यक्ति दृष्टिकोण: जब कहानी “मैं” या “हम” के दृष्टिकोण से बताई जाती है।
  • तीसरा व्यक्ति दृष्टिकोण: कहानी “वह” या “वे” के दृष्टिकोण से लिखी जाती है, जिसमें लेखक घटनाओं का अवलोकन करता है।
  • सर्वज्ञ दृष्टिकोण: इसमें लेखक हर पात्र की भावनाओं, विचारों और कार्यों को जानता है और उन्हें व्यक्त करता है। 

कहानी लेखन की विधि (Story Writing Process) : Kahani Lekhan In Hindi

1. विचार कैसे विकसित करें? (How to Develop Ideas)

  • अपने आसपास के अनुभवों से प्रेरणा लें: जीवन की वास्तविक घटनाओं, लोगों और परिस्थितियों से विचार प्राप्त करें।
  • कल्पनाशीलता का प्रयोग करें: कल्पना के माध्यम से नए और अनोखे विचारों को विकसित करें।
  • विभिन्न साहित्यिक स्रोतों का अध्ययन करें: किताबें, कहानियाँ, और लेख पढ़कर नए विचारों के बीज प्राप्त करें।
  • समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करें: समाज या व्यक्तिगत जीवन की समस्याओं को ध्यान में रखकर कहानी के लिए आधार बनाएं।
  • मन में उठने वाले सवालों पर सोचें: “क्या होगा अगर?” जैसी प्रश्नावली से नई कहानियों का विकास किया जा सकता है।

2. रूपरेखा कैसे बनाएं? (How to Create an Outline)

  • कहानी का मुख्य विचार स्पष्ट करें: कहानी का केंद्रीय विचार या थीम तय करें, जिस पर पूरी कहानी आधारित होगी।
  • कहानी की प्रमुख घटनाएँ लिखें: आरंभ, मध्य और अंत को स्पष्ट रूप से चिन्हित करें और उनके बीच की घटनाओं का संक्षिप्त विवरण बनाएं।
  • पात्रों की भूमिका तय करें: मुख्य और सहायक पात्रों की भूमिका और उनके आपसी संबंधों को समझें।
  • संघर्ष और समाधान पर ध्यान दें: कहानी में उत्पन्न समस्या और उसके समाधान का उल्लेख करें।
  • प्रत्येक भाग के लिए छोटे पैराग्राफ लिखें: कहानी के प्रत्येक चरण के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ लिखकर रूपरेखा को विस्तार दें।

3. कहानी लिखने के चरण (Steps to Write a Story)

  • पहले ड्राफ्ट की शुरुआत करें: रूपरेखा के आधार पर कहानी का पहला ड्राफ्ट लिखना शुरू करें। इसमें प्रवाह और कहानी का आरंभ, मध्य और अंत बनाएं।
  • संवाद और विवरण जोड़ें: पात्रों के संवाद और कहानी की घटनाओं का विस्तार से वर्णन करें, जिससे कहानी सजीव लगने लगे।
  • लेखन को संपादित करें: कहानी का पहला मसौदा पूरा करने के बाद उसे संपादित करें, अनावश्यक विवरण हटाएं और भाषा को बेहतर बनाएं।
  • पाठकों की प्रतिक्रिया लें: अपनी कहानी को किसी विश्वसनीय व्यक्ति से पढ़वाकर प्रतिक्रिया प्राप्त करें और आवश्यक संशोधन करें।
  • अंतिम रूप दें: सभी सुधारों के बाद कहानी को अंतिम रूप दें और इसे प्रकाशित करने या साझा करने के लिए तैयार करें।

कहानी की शुरुआत (Beginning of a Story) : Kahani Lekhan In Hindi

1. आकर्षक आरंभ की विशेषताएँ (Characteristics of an Engaging Beginning)

  • रोचक घटना से शुरुआत: कहानी की शुरुआत ऐसी होनी चाहिए जो तुरंत पाठक का ध्यान आकर्षित करे, जैसे किसी रोचक या अप्रत्याशित घटना से।
  • पात्रों का परिचय देना: कहानी की शुरुआत में मुख्य पात्रों का संक्षिप्त परिचय देना जरूरी है ताकि पाठक उनसे जुड़ सके।
  • वातावरण का वर्णन: आरंभ में कहानी के समय, स्थान, और माहौल का वर्णन करके पाठक को कहानी की दुनिया में लाया जाता है।
  • प्रश्न उठाना: शुरुआत में ऐसे सवाल उठाएं जो पाठक को आगे की कहानी पढ़ने के लिए प्रेरित करें, जैसे “अब आगे क्या होगा?”।
  • संघर्ष का संकेत देना: कहानी की शुरुआत में संघर्ष या समस्या का हल्का संकेत देकर पाठक में उत्सुकता जगाएं।

2. कहानी का विषय चुनना (Choosing the Theme of the Story)

  • अपने रुचि के विषय पर ध्यान दें: वह विषय चुनें जो आपको व्यक्तिगत रूप से रुचिकर लगे और जिसके बारे में आप लिखने में सहज महसूस करें।
  • पाठकों की पसंद का ध्यान रखें: कहानी का विषय ऐसा हो जो आपके लक्षित पाठकों को भी आकर्षित करे और उनके लिए प्रासंगिक हो।
  • समाज और संस्कृति से जुड़े विषय चुनें: कहानी के लिए ऐसे विषय चुनें जो समाज या सांस्कृतिक परिवेश से जुड़े हों और जो पाठकों के जीवन से जुड़े हों।
  • यथार्थ और कल्पना का संतुलन: विषय ऐसा चुनें जो यथार्थवादी हो, लेकिन उसमें कल्पना का भी पर्याप्त मिश्रण हो, ताकि कहानी रोचक और सजीव लगे।
  • नए और अनोखे विचार: एक ऐसा विषय चुनें जो आमतौर पर कम चर्चा में होता है या जो नया और अनोखा हो, ताकि आपकी कहानी बाकी कहानियों से अलग लगे।

कहानी का मध्य भाग (Middle of a Story) : Kahani Lekhan In Hindi

1. संघर्ष और समस्या (Conflict and Problem)

  • मुख्य संघर्ष का परिचय: कहानी के मध्य भाग में प्रमुख संघर्ष को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें, जो पात्रों को एक बड़ी चुनौती का सामना करने पर मजबूर करे।
  • पात्रों के बीच टकराव: संघर्ष को ऐसे तरीके से प्रस्तुत करें कि पात्रों के बीच मतभेद या टकराव उभर कर सामने आए, जो कहानी को और रोचक बनाता है।
  • पैचिदगी और जटिलता: समस्या को जटिल और परत-दर-परत बनाएं, ताकि समाधान की राह स्पष्ट न हो और पाठक की जिज्ञासा बनी रहे।
  • भावनात्मक असर: संघर्ष का पात्रों और उनके रिश्तों पर भावनात्मक असर दर्शाएं, जिससे पाठक पात्रों के दर्द और संघर्ष को महसूस कर सके।
  • समाधान की ओर इशारा: भले ही समस्या पूरी तरह से हल न हो, समाधान की दिशा में छोटे-छोटे संकेत दें ताकि कहानी की दिशा स्पष्ट हो।

2. घटनाओं का विकास (Development of Events)

  • घटनाओं की क्रमबद्धता: घटनाओं को एक क्रम में प्रस्तुत करें ताकि कहानी का प्रवाह स्वाभाविक और स्पष्ट हो।
  • पात्रों के निर्णय और कार्य: पात्रों के निर्णय और उनके द्वारा किए गए कार्य कहानी के विकास को प्रभावित करते हैं, इन्हें सही ढंग से दर्शाएं।
  • अप्रत्याशित मोड़: कहानी में अचानक आए अप्रत्याशित मोड़ों को शामिल करें, जो घटनाओं को नया मोड़ देते हैं और पाठक की रुचि बनाए रखते हैं।
  • संघर्ष का गहराई से विश्लेषण: घटनाओं के विकास के साथ संघर्ष की जटिलता और गहराई को भी बढ़ाएं, जिससे कहानी और दिलचस्प बने।
  • पात्रों की मानसिक स्थिति: घटनाओं के विकास के साथ पात्रों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को दर्शाएं, ताकि पाठक पात्रों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ सके।

कहानी का अंत (Ending of a Story) : Kahani Lekhan In Hindi

1. समाधान (Resolution)

  • मुख्य समस्या का समाधान: कहानी के अंत में मुख्य समस्या या संघर्ष का संतोषजनक समाधान प्रदान करें, जो कहानी की पूर्णता को दर्शाता है।
  • पात्रों के परिणाम: पात्रों की यात्रा और संघर्ष के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आया, इसका उल्लेख करें। यह दिखाएं कि पात्रों ने किस प्रकार से कठिनाइयों का सामना किया।
  • संबंधों का निष्कर्ष: कहानी के अंत में पात्रों के बीच के रिश्तों की स्थिति को स्पष्ट करें, चाहे वे सकारात्मक या नकारात्मक हों।
  • कहानी के संदेश का संप्रेषण: अंत में कहानी का मुख्य संदेश या सीख को स्पष्ट रूप से दर्शाएं, ताकि पाठक को एक स्पष्ट विचार मिले।
  • आशा और संतोष: समाधान ऐसा होना चाहिए जो पाठकों को संतोष प्रदान करे और आशा की भावना पैदा करे, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई अनावश्यक खुलासे न हों।

2. सशक्त अंत कैसे लिखें? (How to Write a Strong Ending)

  • संघर्ष की पूर्णता: अंत ऐसा हो जो पूरे संघर्ष की पूर्णता को दर्शाता हो, जिससे पाठक को महसूस हो कि कहानी का चक्र पूरा हो गया है।
  • भावनात्मक प्रभाव: अंत को भावनात्मक रूप से प्रभावशाली बनाएं, ताकि पाठक के मन में कहानी की गहरी छाप बनी रहे।
  • पारदर्शिता और स्पष्टता: कहानी का अंत स्पष्ट और सटीक होना चाहिए, ताकि पाठक को कोई उलझन या संदेह न रहे।
  • अप्रत्याशित मोड़: एक सशक्त अंत में कहानी में किसी अप्रत्याशित मोड़ को शामिल कर सकते हैं जो पाठक को चकित करे और अंत को यादगार बनाये।
  • संगतता और एकता: अंत में सभी प्रमुख तत्वों और घटनाओं का एकता बनाए रखें, ताकि कहानी के पूरे प्रवाह के साथ अंत संगत और प्राकृतिक लगे।

पात्रों का विकास (Character Development) : Kahani Lekhan In Hindi

1. मुख्य पात्र (Main Characters)

  • पात्र की विशेषताएँ: मुख्य पात्र की शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक विशेषताओं का विस्तृत वर्णन करें, ताकि पाठक उसे अच्छी तरह से समझ सके।
  • लक्ष्य और प्रेरणा: मुख्य पात्र के उद्देश्य और प्रेरणाओं को स्पष्ट करें, जिससे पाठक समझ सके कि वह क्यों ऐसा कर रहा है और उसकी यात्रा का मकसद क्या है।
  • विकास और परिवर्तन: कहानी के दौरान मुख्य पात्र के विकास और परिवर्तन को दर्शाएं, जैसे कि उसके संघर्ष और अनुभवों के परिणामस्वरूप वह कैसे बदलता है।
  • संघर्ष और समाधान: मुख्य पात्र की समस्याएँ और संघर्ष कहानी की केंद्रीय धारा को प्रस्तुत करते हैं; उनका समाधान और परिणाम कहानी की गहराई और प्रभाव को बढ़ाते हैं।
  • पात्र की व्यक्तिगत दृष्टिकोण: मुख्य पात्र की व्यक्तिगत दृष्टिकोण और विचारों को शामिल करें, जिससे पाठक उसके दृष्टिकोण से घटनाओं को देख सके।

2. सहायक पात्र (Supporting Characters)

  • पात्र की भूमिका: सहायक पात्रों की भूमिका को स्पष्ट करें और यह दर्शाएं कि वे मुख्य पात्र की यात्रा में कैसे योगदान देते हैं या उसे प्रभावित करते हैं।
  • विशेषताएँ और रिश्ते: सहायक पात्रों की विशिष्टताएँ और उनके मुख्य पात्रों के साथ संबंधों का विस्तार से वर्णन करें।
  • पात्र की भूमिका का विकास: समय के साथ सहायक पात्रों की भूमिकाओं और उनके प्रभावों का विकास दिखाएं, ताकि वे कहानी में सारगर्भित बन सकें।
  • पात्रों की अंतर्क्रियाएँ: सहायक पात्रों की अंतर्क्रियाएँ और उनके साथ की गई बातचीत मुख्य पात्र के चरित्र को उजागर करती हैं।
  • पात्रों का उद्देश्य: सहायक पात्रों के उद्देश्य और उनकी कहानी में भूमिका को समझाएँ, ताकि उनकी उपस्थिति कहानी को और अधिक महत्वपूर्ण बना सके।

3. पात्रों की गहराई और व्यक्तित्व (Depth and Personality of Characters)

  • आंतरिक संघर्ष और भावनाएँ: पात्रों के आंतरिक संघर्ष और भावनात्मक गहराई को दर्शाएं, जिससे वे अधिक जटिल और वास्तविक महसूस हों।
  • भिन्न दृष्टिकोण और विचारधारा: पात्रों की विभिन्न दृष्टिकोण और विचारधारा को स्पष्ट करें, ताकि उनके व्यक्तित्व की विविधता और गहराई का पता चले।
  • अवधारणाएँ और आदतें: पात्रों की आदतें, विचारधाराएँ और व्यक्तिगत विशेषताएँ उनके व्यक्तित्व को और अधिक स्पष्ट करती हैं।
  • अतीत और पृष्ठभूमि: पात्रों का अतीत और पृष्ठभूमि उनके वर्तमान व्यक्तित्व और व्यवहार को समझने में मदद करती है।
  • आवश्यक परिवर्तन: पात्रों में आवश्यक परिवर्तन और उनके अनुभवों के अनुसार बदलाव को दिखाएं, जिससे उनकी यात्रा और विकास वास्तविक लगे।

संवाद लेखन (Dialogue Writing) : Kahani Lekhan In Hindi

1. प्रभावी संवाद कैसे लिखें? (How to Write Effective Dialogue)

  • पात्रों की आवाज़ को बनाए रखें: प्रत्येक पात्र का संवाद उसकी व्यक्तिगत आवाज़ और शैली में होना चाहिए, जो उसके व्यक्तित्व और पृष्ठभूमि को दर्शाए।
  • संघर्ष और तनाव को उजागर करें: संवाद के माध्यम से पात्रों के बीच संघर्ष, तनाव या गतिशीलता को उजागर करें, जिससे कहानी में गहराई आए।
  • संक्षेपता और स्पष्टता: संवाद संक्षेप और स्पष्ट होना चाहिए, बिना अनावश्यक शब्दों या विवरणों के। यह संवाद को अधिक प्रभावशाली और ध्यान आकर्षित करने वाला बनाता है।
  • पाठक को भावनात्मक रूप से जोड़ें: संवाद को इस तरह से लिखें कि पाठक पात्रों की भावनाओं और प्रतिक्रियाओं से जुड़ सके, जिससे कहानी में अधिक भावनात्मक प्रभाव पैदा हो।
  • कहानी की दिशा में योगदान: प्रत्येक संवाद का उद्देश्य कहानी के विकास में योगदान देना चाहिए, जैसे कि पात्रों की स्थिति को बदलना या कहानी की दिशा को बदलना।

2. संवादों में स्वाभाविकता (Naturalness in Dialogue)

  • पैटर्न और गति: संवाद की गति और पैटर्न को स्वाभाविक रखें। वास्तविक जीवन की बातचीत की तरह संवाद को प्रवाहपूर्ण और स्वाभाविक बनाएं।
  • प्राकृतिक प्रतिक्रियाएँ: पात्रों की प्रतिक्रियाएँ और प्रतिक्रियाएँ वास्तविक जीवन की तरह होनी चाहिए, जैसे कि वे तात्कालिक परिस्थितियों और भावनाओं पर आधारित हों।
  • अति-प्रस्तावना से बचें: संवाद में अति-प्रस्तावना और अत्यधिक शिष्टाचार से बचें, जो बातचीत को अवास्तविक और बोझिल बना सकते हैं।
  • पाठक के अनुभवों के अनुसार: संवाद को इस तरह से लिखें कि पाठक उसे वास्तविक और स्वाभाविक मान सके, जैसे कि वे किसी वास्तविक व्यक्ति से बातचीत कर रहे हों।
  • पात्रों की भाषा और शैली: प्रत्येक पात्र की भाषा और संवाद की शैली उसकी पृष्ठभूमि और व्यक्तिगतता को दर्शाने वाली हो, जो स्वाभाविकता को बढ़ाती है।
 

वातावरण और दृश्य (Setting and Scenes) : Kahani Lekhan In Hindi

1. समय और स्थान का चयन (Choosing Time and Place)

  • कहानी की जरूरतों के अनुसार: समय और स्थान का चयन कहानी की आवश्यकताओं के अनुसार करें। जैसे, ऐतिहासिक, आधुनिक, या भविष्य की कहानी के लिए उपयुक्त समय और स्थान चुनें।
  • वातावरण का प्रभाव: समय और स्थान का चयन ऐसा करें जो कहानी के वातावरण और भावनात्मक प्रभाव को सपोर्ट करता हो। उदाहरण के लिए, एक रोमांटिक कहानी के लिए एक सुंदर गार्डन, और एक थ्रिलर के लिए एक सुनसान जगह।
  • पात्रों के साथ मेल: समय और स्थान को पात्रों की पृष्ठभूमि और उनके जीवन की परिस्थितियों के साथ मेल खाने वाले तरीके से चुनें, ताकि यह उनकी कहानी और अनुभवों को समझाने में मदद कर सके।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ: समय और स्थान के चयन में उस समय की सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखें, जिससे कहानी का माहौल प्रामाणिक लगे।
  • प्रभावशाली चित्रण: समय और स्थान को इस तरह से चित्रित करें कि पाठक आसानी से उन परिस्थितियों को महसूस कर सके और कहानी की दुनिया में प्रवेश कर सके।

2. दृश्य का निर्माण (Creating Scenes)

  • विवरणात्मक चित्रण: दृश्य का निर्माण करते समय विस्तार से वर्णन करें, जैसे कि स्थान, माहौल, और दृश्य की भावनात्मक स्थिति। इससे पाठक को दृश्य की कल्पना में मदद मिलती है।
  • पात्रों की गतिविधियाँ: दृश्य में पात्रों की गतिविधियाँ और उनके इंटरैक्शन को स्पष्ट रूप से दर्शाएं। यह कहानी को अधिक जीवंत और गतिशील बनाता है।
  • संघर्ष और तनाव: दृश्य में संघर्ष और तनाव का समावेश करें, जो कहानी की ड्रामा और उत्तेजना को बढ़ाता है। यह दृश्य को अधिक प्रभावशाली और यादगार बनाता है।
  • संवेदनाओं का संप्रेषण: दृश्य के माध्यम से पात्रों की भावनाओं और संवेदनाओं को व्यक्त करें, जैसे कि उनके विचार और प्रतिक्रियाएँ, ताकि पाठक उनके साथ जुड़ सके।
  • सुर और माहौल: दृश्य की भावनात्मक और भौतिक स्थिति को उभारने के लिए, सही सुर और माहौल का उपयोग करें, जैसे प्रकाश, ध्वनि, और रंग, जो पाठक को दृश्य में गहराई से डूबने में मदद करता है।
 

Freqently Asked Questions (FAQs)

1. कहानी लेखन क्या है?

कहानी लेखन एक कला है जिसमें लेखक घटनाओं, पात्रों और संवादों के माध्यम से एक काल्पनिक या वास्तविक कहानी प्रस्तुत करता है।

2. प्रभावी संवाद कैसे लिखें?

पात्रों की आवाज़ को बनाए रखें, संघर्ष और तनाव को उजागर करें, संक्षेपता और स्पष्टता बनाए रखें, भावनात्मक प्रभाव डालें, और संवाद को कहानी की दिशा में योगदान देने वाला बनाएं।

3. पात्रों का विकास क्यों महत्वपूर्ण है?

पात्रों का विकास कहानी को गहराई और वास्तविकता प्रदान करता है, जिससे पाठक पात्रों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं और उनकी यात्रा को समझ सकते हैं।

4. दृश्य का निर्माण कैसे करें?

दृश्य का निर्माण विस्तार से वर्णन, पात्रों की गतिविधियों, संघर्ष और तनाव, संवेदनाओं का संप्रेषण, और सही माहौल का उपयोग करके करें।

5. कहानी का मध्य भाग कैसे प्रभावी बनाएं?

संघर्ष और समस्या को स्पष्ट करें, घटनाओं का क्रम बनाए रखें, अप्रत्याशित मोड़ जोड़ें, पात्रों की मानसिक स्थिति को दर्शाएं, और समस्या को जटिल बनाएं।

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