Samman Ka Vilom Shabd : अर्थ, अंतर, सम्मान और तिरस्कार

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सम्मान एक ऐसा गुण है जो किसी व्यक्ति, समाज या समुदाय के प्रति आदर और प्रतिष्ठा की भावना को दर्शाता है। यह मानवीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाने में सहायक होता है। सम्मान (Samman Ka Vilom Shabd) का महत्व हर व्यक्ति के जीवन में होता है, चाहे वह परिवार हो, विद्यालय हो, कार्यस्थल हो या समाज। वहीं, विलोम शब्द किसी शब्द के विपरीत भाव को व्यक्त करते हैं। सम्मान का विलोम तिरस्कार है, जो अपमान और अवमानना का प्रतीक है। इस ब्लॉग में हम सम्मान के अर्थ, इसके विलोम शब्दों और उनके उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे।

सम्मान का शाब्दिक अर्थ : Samman Ka Vilom Shabd

1. सम्मान शब्द की व्युत्पत्ति (Etymology of Samman)

सम्मान शब्द संस्कृत के “सम्” (संग) और “मान” (मान्यता) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘सम्मानित करना’ या ‘आदर प्रदान करना’।

2. सम्मान का शाब्दिक अर्थ (Literal Meaning of Samman)

सम्मान का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आदर’ या ‘प्रणाम’, जो किसी व्यक्ति की महत्ता और विशेषताओं को मान्यता देता है।

3. सम्मान का सामान्य परिभाषा (General Definition of Samman)

सम्मान का अर्थ है किसी व्यक्ति, कार्य या वस्तु के प्रति प्रशंसा और आदर प्रकट करना, जो समाज में उच्च मूल्य को दर्शाता है।

4. सामाजिक संदर्भ में सम्मान (Social Context of Samman)

समाज में सम्मान का उपयोग किसी की स्थिति, उपलब्धियों और नैतिक गुणों की मान्यता के रूप में किया जाता है।

5. सम्मान का प्रकार (Types of Samman)

सम्मान दो प्रकार का होता है: व्यक्तिगत सम्मान, जो किसी की विशेषता के आधार पर होता है, और सामाजिक सम्मान, जो समाज के मानदंडों और परंपराओं पर आधारित होता है।

6. सम्मान की मान्यता (Recognition of Samman)

सम्मान का तात्पर्य किसी की उपलब्धियों, व्यवहार या कार्यशैली की सराहना से होता है, जो उसे उच्च स्थान और मान्यता प्रदान करता है।

7. सम्मान का सांस्कृतिक महत्व (Cultural Significance of Samman)

विभिन्न संस्कृतियों में सम्मान को अलग-अलग तरीके से व्यक्त किया जाता है, जैसे परंपरागत सम्मान संकेत, पुरस्कार, और शिष्टाचार।

8. सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा (Samman and Social Prestige)

सम्मान व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, जिससे वह समाज में एक सम्मानित स्थान प्राप्त करता है।

9. सम्मान का नैतिक पहलू (Moral Aspect of Samman)

सम्मान केवल सामाजिक आदर का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह नैतिक और आंतरिक गुणों की भी पहचान है, जो एक व्यक्ति को दूसरों से अलग करता है।

10. सम्मान का दैनिक जीवन में उपयोग (Use of Samman in Daily Life)

दैनिक जीवन में सम्मान का प्रयोग एक-दूसरे के प्रति सम्मानजनक व्यवहार, आभार प्रकट करने और समाज में आदर्श बनाए रखने के रूप में किया जाता है।

सम्मान का विलोम शब्द : Samman Ka Vilom Shabd

1. तिरस्कार: सम्मान का विलोम (Tiraskar: Antonym of Samman)

सम्मान का विलोम तिरस्कार है। तिरस्कार एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ होता है किसी व्यक्ति या वस्तु को नकारना या उसका अपमान करना। यह सम्मान के विपरीत भाव को व्यक्त करता है और आमतौर पर नकारात्मक प्रतिक्रियाओं और व्यवहारों को दर्शाता है।

2. तिरस्कार शब्द की व्याख्या (Explanation of Tiraskar)

  1. तिरस्कार की परिभाषा (Definition of Tiraskar): तिरस्कार शब्द का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, उनके कार्यों या उनके विचारों की अनदेखी करना या उनका अपमान करना। यह व्यक्ति की गरिमा और आदर को कम करने की क्रिया है।
  2.  तिरस्कार का भाव (Emotional Connotation of Tiraskar): तिरस्कार आमतौर पर तिरस्कारपूर्ण, असंवेदनशील या अमानवीय भावनाओं को दर्शाता है, जो व्यक्ति के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाता है।
  3. सामाजिक प्रभाव (Social Impact of Tiraskar): तिरस्कार समाज में रिश्तों को बिगाड़ने, संघर्ष उत्पन्न करने और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का कारण बनता है।
  4. व्यवहारिक दृष्टिकोण (Behavioral Perspective): व्यवहार में तिरस्कार का मतलब किसी की मेहनत, उपलब्धियों या सामाजिक स्थिति की अनदेखी करना होता है, जो एक व्यक्ति को हीनता और अस्वीकार का अनुभव कराता है।
  5. उदाहरण (Examples of Tiraskar): तिरस्कार के उदाहरणों में सार्वजनिक रूप से किसी की आलोचना करना, अपमानजनक टिप्पणी करना, या व्यक्ति की उपलब्धियों की अनदेखी करना शामिल हो सकता है।
  6. तिरस्कार और सम्मान का अंतर (Difference Between Tiraskar and Samman): जहां सम्मान आदर और मान्यता का प्रतीक है, वहीं तिरस्कार अपमान और अवमानना का प्रतीक है। दोनों के बीच का अंतर भावनात्मक और व्यवहारिक दृष्टिकोण से स्पष्ट होता है।
  7. तिरस्कार का प्रभाव (Impact of Tiraskar): तिरस्कार का व्यक्ति के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में आत्म-संशय, तनाव और सामाजिक अलगाव उत्पन्न हो सकता है।
 

सम्मान और तिरस्कार के बीच अंतर : Samman Ka Vilom Shabd

भावनात्मक अंतर (Emotional Difference)

सम्मान (Samman): सम्मान एक सकारात्मक भावनात्मक अनुभव है, जो किसी व्यक्ति की विशेषताओं, कार्यों या उपलब्धियों की सराहना करने से उत्पन्न होता है। यह व्यक्ति के आत्म-सम्मान को बढ़ाता है और समाज में उसकी स्थिति को सुदृढ़ करता है। सम्मान का भाव व्यक्ति को प्रेरित करता है और उसकी आत्म-छवि को सकारात्मक रूप में स्थापित करता है।

तिरस्कार (Tiraskar): तिरस्कार एक नकारात्मक भावनात्मक अनुभव है, जो किसी व्यक्ति की अनदेखी, आलोचना या अपमान करने से उत्पन्न होता है। यह व्यक्ति के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाता है और उसे अस्वीकार या हीनता का अनुभव कराता है। तिरस्कार व्यक्ति को निराश करता है और उसकी आत्म-छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

व्यवहारिक अंतर (Behavioral Difference)

सम्मान (Samman): सम्मान व्यवहार में आदर, प्रशंसा और मान्यता के रूप में प्रकट होता है। इसका उदाहरण है किसी की उपलब्धियों की सराहना करना, उनके विचारों को महत्व देना, और उनके प्रति विनम्र और शिष्ट व्यवहार करना। सम्मानित व्यक्ति को विशेष अवसरों पर सम्मानित किया जाता है, जैसे पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र या सम्मान समारोह।

तिरस्कार (Tiraskar): तिरस्कार व्यवहार में असंवेदनशीलता, उपेक्षा और आलोचना के रूप में प्रकट होता है। इसका उदाहरण है किसी व्यक्ति की मेहनत या उपलब्धियों की अनदेखी करना, उनके बारे में अपमानजनक टिप्पणी करना, या उन्हें सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाना। तिरस्कारपूर्ण व्यवहार व्यक्ति को समाज में अस्वीकारित और असहाय महसूस कराता है।

सम्मान और तिरस्कार का समाज पर प्रभाव : Samman Ka Vilom Shabd

सामाजिक संबंधों में सम्मान का स्थान (Place of Samman in Social Relationships)

संबंधों की मजबूती (Strengthening Relationships): सम्मान सामाजिक संबंधों को सशक्त बनाता है। जब लोग एक-दूसरे के प्रति आदर और मान्यता प्रकट करते हैं, तो आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ता है, जिससे रिश्ते मजबूत होते हैं। सम्मानित व्यक्ति की राय और सुझावों को महत्व दिया जाता है, जिससे सामूहिक निर्णय लेने में सहमति और संतुलन बना रहता है।

सामाजिक एकता (Social Unity): सम्मान समाज में एकता और सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब विभिन्न समुदायों और वर्गों के लोगों को सम्मान मिलता है, तो समाज में भेदभाव और असमानता कम होती है, और सामाजिक समरसता बढ़ती है।

प्रेरणा और सृजनशीलता (Inspiration and Creativity): सम्मान व्यक्ति को प्रेरित करता है और उसके आत्म-सम्मान को बढ़ाता है, जिससे वह अपनी क्षमताओं को बेहतर ढंग से विकसित कर सकता है। यह समाज में नवाचार और सृजनशीलता को प्रोत्साहित करता है, जिससे सामाजिक प्रगति होती है।

आदर्श और नैतिकता (Role Models and Morality): सम्मान समाज में आदर्श स्थापित करता है। जब लोग आदर्श और नैतिक व्यवहार को सम्मानित करते हैं, तो यह अन्य लोगों को भी सकारात्मक व्यवहार की ओर प्रेरित करता है, जिससे समाज में नैतिकता और ईमानदारी की भावना बढ़ती है।

तिरस्कार के नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact of Tiraskar)

संबंधों का बिगड़ना (Deterioration of Relationships): तिरस्कार सामाजिक संबंधों को नुकसान पहुंचाता है। जब किसी व्यक्ति को तिरस्कृत या अपमानित किया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप रिश्तों में दरारें उत्पन्न होती हैं, और सहयोग व सामंजस्य कम होता है। यह विवाद और संघर्ष को जन्म दे सकता है।

मनोबल में कमी (Decrease in Morale): तिरस्कार व्यक्ति के मनोबल को गिराता है और आत्म-सम्मान को चोट पहुँचाता है। इससे व्यक्ति में आत्म-संदेह और अवसाद उत्पन्न हो सकता है, जो उसकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करता है।

सामाजिक असमानता (Social Inequality): तिरस्कार समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देता है। जब विभिन्न वर्गों या समुदायों के लोगों को तिरस्कार का सामना करना पड़ता है, तो यह सामाजिक विभाजन और भेदभाव को बढ़ाता है, जिससे समाज में तनाव और संघर्ष उत्पन्न होते हैं।

सम्मान का अन्य विलोम शब्द : Samman Ka Vilom Shabd

उपेक्षा (Upeksha)

परिभाषा (Definition): उपेक्षा का अर्थ है किसी व्यक्ति, कार्य या वस्तु को अनदेखा करना या उसकी महत्वपूर्णता की अनदेखी करना। यह सम्मान की कमी को दर्शाता है और किसी की गरिमा या महत्व को नकारने का प्रतीक है।

उपेक्षा का भाव (Emotional Connotation): उपेक्षा व्यक्ति को हीनता का अनुभव कराती है। जब किसी को उपेक्षित किया जाता है, तो उसे महसूस होता है कि उसकी मेहनत या प्रयासों की कोई कद्र नहीं है। यह भावनात्मक रूप से हानिकारक हो सकता है।

सामाजिक प्रभाव (Social Impact): उपेक्षा से व्यक्ति के आत्म-सम्मान में कमी आती है और इससे सामाजिक संबंधों में दूरी उत्पन्न होती है। यह सामाजिक एकता को भी प्रभावित कर सकता है क्योंकि उपेक्षित व्यक्ति समाज से कट सकता है।

उपयोग के उदाहरण (Examples of Usage): उपेक्षा का उदाहरण हो सकता है किसी की सलाह की अनदेखी करना, या किसी के प्रयासों की सराहना न करना। यह व्यवहार सार्वजनिक और निजी दोनों संदर्भों में हो सकता है।

अपमान (Apmaan)

परिभाषा (Definition): अपमान का अर्थ है किसी व्यक्ति की गरिमा और सम्मान को नष्ट करना या उसका अपमान करना। यह व्यक्ति की प्रतिष्ठा और आदर को चोट पहुँचाने का एक गंभीर रूप है।

अपमान का भाव (Emotional Connotation): अपमान व्यक्ति के आत्म-सम्मान को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह व्यक्ति को अस्वीकारित और अपमानित महसूस कराता है, और इसके परिणामस्वरूप वह मानसिक और भावनात्मक दर्द का अनुभव कर सकता है।

सामाजिक प्रभाव (Social Impact): अपमान सामाजिक संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे विवाद और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं, और समाज में तनाव और असंतोष बढ़ सकता है। अपमानित व्यक्ति अक्सर समाज से कट जाता है और उसके रिश्ते बिगड़ सकते हैं।

उपयोग के उदाहरण (Examples of Usage): अपमान का उदाहरण हो सकता है सार्वजनिक रूप से किसी की आलोचना करना, या व्यक्तिगत स्तर पर अपमानजनक टिप्पणी करना। यह किसी की उपलब्धियों को नकारने और उसकी गरिमा को कम करने का कार्य करता है।

सम्मान और अपमान के बीच का अंतर : Samman Ka Vilom Shabd

परिभाषा में भिन्नता (Difference in Definition)

सम्मान (Samman): सम्मान का अर्थ है किसी व्यक्ति, कार्य या वस्तु के प्रति आदर और मान्यता व्यक्त करना। यह एक सकारात्मक भाव है जो व्यक्ति की गरिमा, मेहनत, और उपलब्धियों की सराहना करता है। सम्मान को किसी के महत्व, स्थिति या गुणों की मान्यता के रूप में देखा जाता है।

अपमान (Apmaan): अपमान का अर्थ है किसी व्यक्ति की गरिमा को नष्ट करना या उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाना। यह एक नकारात्मक भाव है जो व्यक्ति को नीचा दिखाने, उसकी मेहनत और उपलब्धियों की अनदेखी करने या उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का प्रतिनिधित्व करता है।

व्यवहार में भिन्नता (Difference in Behavior)

सम्मान (Samman): सम्मान व्यवहार में आदर, प्रशंसा, और मान्यता के रूप में प्रकट होता है। इसका उदाहरण है किसी की उपलब्धियों की सराहना करना, उनके विचारों को महत्व देना, और उनके प्रति विनम्र और शिष्ट व्यवहार करना। सम्मानित व्यक्ति को विशेष अवसरों पर सम्मानित किया जाता है, जैसे पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र, या सम्मान समारोह। यह व्यवहार व्यक्ति को प्रोत्साहित करता है और उसकी आत्म-संवेदना को बढ़ाता है।

अपमान (Apmaan): अपमान व्यवहार में असंवेदनशीलता, आलोचना, और अपमान के रूप में प्रकट होता है। इसका उदाहरण है किसी व्यक्ति की सार्वजनिक रूप से आलोचना करना, उनके बारे में अपमानजनक टिप्पणी करना, या उनकी मेहनत और उपलब्धियों को नकारना। अपमानजनक व्यवहार व्यक्ति को समाज में अस्वीकारित और असहाय महसूस कराता है। यह समाज में तनाव और संघर्ष को बढ़ावा देता है और व्यक्ति के आत्म-सम्मान को कम करता है।

विलोम शब्द के प्रयोग के उदाहरण : Samman Ka Vilom Shabd

दैनिक जीवन में विलोम शब्दों का प्रयोग (Usage of Antonyms in Daily Life)

सम्मान और तिरस्कार (Samman and Tiraskar):

सम्मान: जब कोई व्यक्ति किसी के जन्मदिन पर उपहार देता है या उनकी उपलब्धियों की सराहना करता है, तो यह सम्मान का उदाहरण है। उदाहरण के लिए, “राम ने अपनी मेहनत और dedication के लिए स्कूल में पुरस्कार प्राप्त किया।”

तिरस्कार: जब कोई व्यक्ति किसी की मेहनत की अनदेखी करता है या उसकी आलोचना करता है, तो यह तिरस्कार का उदाहरण है। उदाहरण के लिए, “सिमा की मेहनत को नकारते हुए, उसके प्रोजेक्ट को तिरस्कृत किया गया।”

उपेक्षा और अपमान (Upeksha and Apmaan):

उपेक्षा: जब कोई व्यक्ति किसी के विचारों को अनदेखा करता है या उनकी जरूरतों को नजरअंदाज करता है, तो यह उपेक्षा का उदाहरण है। उदाहरण के लिए, “मेरे सुझावों को उपेक्षित किया गया और मुझसे परामर्श नहीं लिया गया।”

अपमान: जब किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाया जाता है या उसका मजाक उड़ाया जाता है, तो यह अपमान का उदाहरण है। उदाहरण के लिए, “उसे सभा में अपमानित किया गया और उसके काम की आलोचना की गई।”

साहित्यिक संदर्भ में सम्मान और तिरस्कार का उपयोग (Literary Usage of Samman and Tiraskar)

सम्मान (Samman):

साहित्यिक कार्यों में सम्मान का प्रयोग अक्सर नायकों और प्रेरणादायक पात्रों के गुणों की सराहना के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, शेक्सपियर की त्रासदियों में नायकों की नैतिकता और साहस को सम्मानित किया जाता है, जो उनकी प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाते हैं।

उदाहरण: “कवि ने अपने काव्य में राजा के न्याय और उसकी सजगता को सम्मानित किया, जिससे उसके गुणों की महत्ता स्पष्ट हो गई।”

तिरस्कार (Tiraskar):

साहित्यिक संदर्भ में तिरस्कार का उपयोग आमतौर पर पात्रों के दोषों या समाज के अन्यायपूर्ण व्यवहार की आलोचना के लिए किया जाता है। यह पात्रों की कमजोरी और समाज के विघटन को उजागर करने का माध्यम बनता है।

उदाहरण: “उपन्यास में नायिका को समाज द्वारा तिरस्कृत किया जाता है, जो उसकी निराशा और संघर्ष को दर्शाता है।”

सम्मान और तिरस्कार पर विचार : Samman Ka Vilom Shabd

भारतीय संस्कृति में सम्मान का महत्व (Importance of Samman in Indian Culture)

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण (Spiritual and Cultural Perspective): भारतीय संस्कृति में सम्मान को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है, जो हर व्यक्ति की गरिमा और आत्म-सम्मान को महत्व देती है। भारतीय दर्शन में, सम्मान को धर्म और नैतिकता के एक हिस्से के रूप में देखा जाता है, जो जीवन की पूर्णता और शांति के लिए आवश्यक है। हिंदू धर्म में, माता-पिता, गुरु, और वरिष्ठों का सम्मान करना जीवन के संस्कारों में शामिल है।

सामाजिक संरचना (Social Structure): भारतीय समाज की संरचना में सम्मान एक महत्वपूर्ण तत्व है। जाति व्यवस्था, पारंपरिक आदतें, और सामाजिक नियम सम्मान की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। सम्मान का आदान-प्रदान रिश्तों को मजबूत करता है और सामाजिक शांति बनाए रखने में सहायक होता है। विशेष अवसरों पर, जैसे त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में, सम्मान की आदतें सामाजिक और धार्मिक मूल्य को बढ़ावा देती हैं।

व्यक्तिगत संबंध और मनोबल (Personal Relationships and Morale): भारतीय संस्कृति में, सम्मान को व्यक्तिगत संबंधों में भी प्रमुख स्थान दिया जाता है। परिवार और समाज में सम्मान का आदान-प्रदान आत्म-संवेदनशीलता और सामंजस्य को बढ़ाता है। यह न केवल व्यक्तिगत मनोबल को ऊंचा करता है, बल्कि रिश्तों में समझ और सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है।

तिरस्कार से उत्पन्न सामाजिक समस्याएं (Social Problems Arising from Tiraskar)

सामाजिक असमानता (Social Inequality): तिरस्कार से सामाजिक असमानता और भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। जब किसी वर्ग या समूह को तिरस्कृत किया जाता है, तो इससे समाज में असमानता और भेदभाव की भावना उत्पन्न होती है। यह सामाजिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देता है और समाज में तनाव और संघर्ष को जन्म देता है।

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (Mental Health Issues): तिरस्कार व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। लगातार तिरस्कार और अपमान के कारण व्यक्ति अवसाद, चिंता और आत्म-संदेह का शिकार हो सकता है। इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति कमजोर होती है और उसका आत्म-सम्मान प्रभावित होता है।

सामाजिक अलगाव (Social Isolation): जब व्यक्ति को तिरस्कृत किया जाता है, तो वह सामाजिक अलगाव का सामना कर सकता है। यह उसे समाज से बाहर कर देता है और उसके सामाजिक रिश्तों में दूरी पैदा करता है। इससे व्यक्ति की सामाजिक भागीदारी कम होती है और समाज में उसकी भूमिका प्रभावित होती है।

सामाजिक विकास में रुकावट (Hindrance to Social Development): तिरस्कार से उत्पन्न सामाजिक समस्याएँ समाज के विकास में बाधा डालती हैं। जब समाज के विभिन्न हिस्सों को तिरस्कृत किया जाता है, तो उनकी प्रतिभाओं और संभावनाओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाता। इससे समाज के समग्र विकास में रुकावट आती है।

Freqently Asked Questions (FAQs)

1. सम्मान क्या है? (What is Samman?)

सम्मान का मतलब है किसी व्यक्ति, कार्य या वस्तु को आदर और मान्यता देना।

2. सम्मान का विलोम शब्द क्या है? (What is the antonym of Samman?)

सम्मान का विलोम शब्द तिरस्कार और उपेक्षा है।

3. तिरस्कार क्या है? (What is Tiraskar?)

तिरस्कार का मतलब है किसी व्यक्ति या वस्तु की अनदेखी करना या उसका अपमान करना।

4. सम्मान और तिरस्कार के बीच अंतर क्या है? (What is the difference between Samman and Tiraskar?)

सम्मान सकारात्मक आदर और मान्यता है, जबकि तिरस्कार नकारात्मक अपमान और अनदेखी है।

5. भारतीय संस्कृति में सम्मान का महत्व क्या है? (What is the importance of Samman in Indian Culture?)

भारतीय संस्कृति में सम्मान को आदर्श व्यवहार और सामाजिक स्थिरता के रूप में देखा जाता है।

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