UPSC CSAT Syllabus in Hindi (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) द्वारा आयोजित CSAT (सिविल सर्विसेज एप्र्टीट्यूड टेस्ट) परीक्षा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं में भर्ती के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की मानसिक क्षमता, तर्कशक्ति, और निर्णय लेने की क्षमता का मूल्यांकन करना है। CSAT की परीक्षा को क्लीयर करने के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित अध्ययन की आवश्यकता होती है, जिसमें हिंदी में पाठ्यक्रम की गहराई से समझ अनिवार्य है।
CSAT परीक्षा के पाठ्यक्रम में मुख्यतः दो प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं: सामान्य मानसिक क्षमता और समस्या समाधान की क्षमता। इसमें अंकगणित, व Logical Reasoning, Comprehension, और Decision Making शामिल हैं। उम्मीदवारों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इन विषयों को अच्छी तरह से समझें और हर एक की तैयारी के लिए उचित रणनीतियाँ अपनाएँ। हिंदी में CSAT के पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त करके, उम्मीदवार परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं और अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं।
- Reasoning in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Aptitude in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Comprehension Skills in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Decision-Making and Problem-Solving in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Mathematical Ability in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Data Interpretation in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Basic Numeracy in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- General Mental Ability in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
- Frequently Asked Question (FAQs)
Reasoning in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Reasoning (तर्कशक्ति)
तर्कशक्ति (Reasoning) – अवलोकन और समझ:
UPSC CSAT परीक्षा में तर्कशक्ति (Reasoning) एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपकी समस्या समाधान की क्षमता और मानसिक कौशल का परीक्षण करता है। इस खंड में प्रश्नों को हल करने के लिए आपकी विश्लेषणात्मक सोच और तर्कशक्ति की परीक्षा ली जाती है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रश्न होते हैं जो आपके तर्क करने की क्षमता और समस्या को समझने की कौशल को चुनौती देते हैं।
मुख्य विषय:
1. लॉजिकल रीजनिंग (Logical Reasoning):
- समानता और भिन्नता (Similarity and Difference): यहाँ पर आपको वस्तुओं या विचारों में समानता और भिन्नता को पहचानना होता है।
- शर्तों के आधार पर निष्कर्ष (Conclusions Based on Conditions): आपको कुछ शर्तें दी जाती हैं और आपको उन पर आधारित निष्कर्ष निकालने होते हैं।
2. अंकगणित तर्क (Quantitative Reasoning):
- संख्यात्मक सीरीज (Numerical Series): इसमें आपको दिए गए अंकीय श्रृंखला को देखकर अगला अंक या पैटर्न पहचानना होता है।
- गणना और अनुपात (Calculations and Ratios): गणना और अनुपात के आधार पर समस्याओं को हल करना होता है।
3. डायग्रामेटिक रीजनिंग (Diagrammatic Reasoning):
- ब्लॉक डियाग्राम (Block Diagrams): इसमें आपको दिए गए ब्लॉक्स और उनके संबंधों को समझकर प्रश्नों के उत्तर देना होता है।
- वेन डियाग्राम (Venn Diagrams): इसमें आपको वस्तुओं या समूहों के बीच संबंधों को पहचानना होता है।
4. समानता और विश्लेषण (Analogy and Classification):
- समानता (Analogy): इसमें आपको दो वस्तुओं के बीच समानता और अंतर को समझना होता है और उसके आधार पर अन्य वस्तुओं के संबंध का अनुमान लगाना होता है।
- वर्गीकरण (Classification): इसमें दिए गए समूहों में से एक वस्तु को पहचानना होता है जो अन्य वस्तुओं से मेल नहीं खाती।
Aptitude in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Aptitude (अंकगणित और समस्याओं की समाधान क्षमता)
अंकगणित और समस्याओं की समाधान क्षमता (Aptitude) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा के पाठ्यक्रम में “Aptitude” या “अंकगणित और समस्याओं की समाधान क्षमता” एक महत्वपूर्ण भाग है, जो आपकी गणितीय क्षमताओं और समस्याओं को हल करने की क्षमता का परीक्षण करता है। यह खंड उम्मीदवारों के संख्यात्मक विचार, गणना, और विभिन्न प्रकार की गणितीय समस्याओं को सुलझाने की क्षमता पर आधारित है।
मुख्य विषय:
1. संख्यात्मक गणना (Numerical Ability):
- अंकगणितीय समस्याएँ (Arithmetic Problems): इसमें प्रतिशत, अनुपात, अनुपात-प्रमाण, साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज, और लाभ-हानि जैसी समस्याएँ शामिल होती हैं।
- गणितीय ऑपरेशन्स (Mathematical Operations): जोड़, घटाव, गुणा, और भाग जैसे मौलिक गणितीय ऑपरेशन्स की समस्याएँ।
2. संख्यात्मक श्रृंखलाएँ (Numerical Sequences):
- अंकगणितीय श्रृंखलाएँ (Arithmetic Sequences): क्रम में दिए गए अंकों को देखकर अगले अंक की पहचान करना।
- ज्यामितीय श्रृंखलाएँ (Geometric Sequences): विभिन्न संख्या श्रेणियों में अगली संख्या का अनुमान लगाना।
3. समय और कार्य (Time and Work):
- समय-कार्य समस्याएँ (Time-Work Problems): समय और कार्य की समस्याएँ जैसे “X और Y मिलकर कोई कार्य कितने समय में पूरा करेंगे।”
4. लाभ और हानि (Profit and Loss):
- लाभ और हानि की समस्याएँ (Profit and Loss Problems): वस्तुओं के लाभ और हानि की गणना करने की समस्याएँ।
5. शत-प्रतिशत (Percentage):
- प्रतिशत समस्याएँ (Percentage Problems): किसी मूल्य का प्रतिशत निकालना, वृद्धि या कमी की गणना करना।
6. आयाम और क्षेत्रफल (Mensuration):
- आयाम समस्याएँ (Mensuration Problems): विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों का क्षेत्रफल और परिमाप निकालना जैसे त्रिभुज, वर्ग, और वृत्त।
7. साधारण गणितीय विश्लेषण (Basic Mathematical Analysis):
- मिश्रण समस्याएँ (Mixture Problems): विभिन्न घटकों को मिलाकर एक नई वस्तु बनाने की समस्याएँ।
- सांख्यिकी (Statistics): औसत, माध्यिका, और मोड की समस्याएँ।
परीक्षा की तैयारी के टिप्स:
- मूलभूत अवधारणाओं को समझें: अंकगणितीय और गणितीय समस्याओं के मूलभूत सिद्धांतों और अवधारणाओं को अच्छे से समझें।
- अभ्यास: नियमित रूप से गणितीय समस्याओं का अभ्यास करें और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करने की आदत डालें।
- पुनरावलोकन: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करें और मॉक टेस्ट लें ताकि आप परीक्षा के पैटर्न और प्रश्नों की प्रकृति को समझ सकें।
Comprehension Skills in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Comprehension Skills (समझने की क्षमताएँ)
समझने की क्षमताएँ (Comprehension Skills) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा में “समझने की क्षमताएँ” (Comprehension Skills) खंड एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपकी पढ़ने की समझ और विचारों को सही ढंग से व्याख्या करने की क्षमता का परीक्षण करता है। इस खंड में आपको दिए गए पाठ को पढ़कर उसके आधार पर प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। यह आपकी तर्कशक्ति, विश्लेषणात्मक सोच और सूचना को समझने की क्षमता को मापता है।
मुख्य विषय:
1. पाराग्राफ़ समझ (Paragraph Comprehension):
- वर्णनात्मक और विश्लेषणात्मक प्रश्न (Descriptive and Analytical Questions): दिए गए पैराग्राफ को पढ़कर उसके मुख्य बिंदुओं, लेखक के दृष्टिकोण, और पाठ के तात्पर्य को समझना।
- सारांश (Summary): पाठ के सारांश को तैयार करना या पाठ की संक्षेप में समीक्षा करना।
2. संदर्भ समझ (Contextual Understanding):
- संदर्भ और सूक्ष्म बोध (Context and Nuances): पाठ में प्रयुक्त शब्दों और वाक्यों का संदर्भ और उनके अर्थ को समझना।
- लेखक की दृष्टि (Author’s Perspective): लेखक के दृष्टिकोण और विचारधारा को पहचानना।
3. स्रोत और तथ्य (Sources and Facts):
- विवरण और तथ्य (Details and Facts): पाठ में प्रस्तुत जानकारी और तथ्यों को सही ढंग से समझना और प्रश्नों के उत्तर देना।
- स्रोत की पहचान (Identifying the Source): पाठ में उल्लेखित स्रोतों और संदर्भों को पहचानना।
4. तर्क और निष्कर्ष (Inference and Conclusion):
- तर्क आधारित प्रश्न (Inference-based Questions): पाठ के आधार पर सही तर्क निकालना और निष्कर्ष पर पहुँचना।
- निष्कर्ष निकालना (Drawing Conclusions): पाठ से निष्कर्ष और अनुमानों को समझना और सही उत्तर देना।
Decision-Making and Problem-Solving in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Decision-Making और Problem-Solving (निर्णय-निर्माण और समस्याओं का समाधान)
निर्णय-निर्माण और समस्याओं का समाधान (Decision-Making and Problem-Solving) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा में “निर्णय-निर्माण और समस्याओं का समाधान” (Decision-Making and Problem-Solving) खंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो आपकी तर्कशक्ति, समस्या सुलझाने की क्षमताओं और निर्णय लेने की योग्यता को मापता है। इस खंड में आपको दिए गए परिदृश्यों के आधार पर उचित निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की चुनौती मिलती है। यह आपके विश्लेषणात्मक सोच और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता का परीक्षण करता है।
मुख्य विषय:
1. निर्णय-निर्माण (Decision-Making):
- परिदृश्य आधारित निर्णय (Scenario-Based Decisions): विभिन्न परिदृश्यों और समस्याओं के आधार पर उचित निर्णय लेना। इसमें आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करना होता है।
- सिद्धांत और प्रथाएँ (Principles and Practices): निर्णय लेने के लिए विभिन्न सिद्धांतों और प्रथाओं को समझना और लागू करना।
2. समस्या समाधान (Problem-Solving):
- समस्या विश्लेषण (Problem Analysis): समस्याओं की पहचान करना और उनका विश्लेषण करना ताकि समस्याओं के मूल कारण को समझा जा सके।
- समाधान के विकल्प (Solution Options): समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न विकल्पों की पहचान और उनका मूल्यांकन करना।
3. लाभ और हानि का विश्लेषण (Cost-Benefit Analysis):
- लाभ-हानि का मूल्यांकन (Cost-Benefit Evaluation): विभिन्न विकल्पों के लाभ और हानि का विश्लेषण करके सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करना।
- वित्तीय और गैर-वित्तीय पहलू (Financial and Non-Financial Aspects): निर्णय लेते समय वित्तीय और गैर-वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखना।
4. समय प्रबंधन (Time Management):
- समय की सीमा के भीतर निर्णय (Timely Decisions): समस्याओं को समय की सीमा के भीतर हल करना और निर्णय लेना।
- प्राथमिकता निर्धारण (Prioritization): कार्यों और समस्याओं की प्राथमिकता तय करना ताकि महत्वपूर्ण समस्याओं को पहले हल किया जा सके।
5. संचार और सहमति (Communication and Consensus):
- सहयोग और संचार (Collaboration and Communication): निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने के दौरान सही संचार और सहयोग का महत्व।
- सहमति प्राप्त करना (Achieving Consensus): निर्णयों पर सहमति प्राप्त करने के लिए विभिन्न पक्षों के विचारों और रायों को ध्यान में रखना।
Mathematical Ability in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
विषय |
विवरण |
---|---|
संख्यात्मक गणना (Numerical Ability) | – प्रतिशत (Percentages) – अनुपात और अनुपात (Ratios and Proportions) – साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज (Simple and Compound Interest) – लाभ और हानि (Profit and Loss) – गणना और अनुपात (Calculations and Ratios) |
संख्यात्मक श्रृंखलाएँ (Numerical Sequences) | – अंकगणितीय श्रृंखलाएँ (Arithmetic Sequences) – ज्यामितीय श्रृंखलाएँ (Geometric Sequences) – पैटर्न पहचानना (Pattern Recognition) |
समय और कार्य (Time and Work) | – समय-कार्य समस्याएँ (Time-Work Problems) – कार्य की गति (Rate of Work) – मिलकर कार्य करना (Work Done Together) |
लाभ और हानि (Profit and Loss) | – लाभ और हानि की समस्याएँ (Profit and Loss Problems) – बिक्री मूल्य और लागत मूल्य (Selling Price and Cost Price) – छूट (Discounts) |
शत-प्रतिशत (Percentage) | – प्रतिशत समस्याएँ (Percentage Problems) – वृद्धि और कमी (Increase and Decrease) – प्रतिशत की गणना (Calculating Percentages) |
आयाम और क्षेत्रफल (Mensuration) | – त्रिभुज, वर्ग, और वृत्त का क्षेत्रफल और परिमाप (Area and Perimeter of Triangle, Square, and Circle) – ठोस आकृतियाँ (Solid Figures) – वॉल्यूम और सतही क्षेत्रफल (Volume and Surface Area) |
साधारण गणितीय विश्लेषण (Basic Mathematical Analysis) | – मिश्रण समस्याएँ (Mixture Problems) – सांख्यिकी (Statistics) – औसत, माध्यिका, और मोड (Mean, Median, Mode) |
Data Interpretation in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Data Interpretation (डेटा विश्लेषण)
डेटा विश्लेषण (Data Interpretation) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा में “डेटा विश्लेषण” (Data Interpretation) खंड आपके डेटा को समझने, विश्लेषण करने, और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के आधार पर सही निष्कर्ष निकालने की क्षमता का परीक्षण करता है। यह खंड आमतौर पर तालिकाएँ, ग्राफ़, चार्ट्स, और डेटा सेट्स पर आधारित प्रश्नों से भरा होता है, जिसमें आपको सही जानकारी को समझना और उसका विश्लेषण करना होता है।
मुख्य विषय:
विषय |
विवरण |
---|---|
तालिका विश्लेषण (Table Analysis) | – डेटा तालिकाओं को समझना और विश्लेषण करना – तालिका से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना |
बार ग्राफ़ (Bar Graphs) | – बार ग्राफ़ के आधार पर डेटा का विश्लेषण – बार ग्राफ़ से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देना |
लाइन ग्राफ़ (Line Graphs) | – लाइन ग्राफ़ के डेटा को पढ़ना और समझना – समय के आधार पर परिवर्तन का विश्लेषण करना |
पाई चार्ट (Pie Charts) | – पाई चार्ट में हिस्सों का प्रतिशत और उसका विश्लेषण – पाई चार्ट से डेटा निकालना और प्रश्नों के उत्तर देना |
हिस्टोग्राम (Histogram) | – डेटा वितरण को समझना और विश्लेषण करना – हिस्टोग्राम से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना |
डाटा सेट्स (Data Sets) | – विभिन्न प्रकार के डेटा सेट्स को पढ़ना और समझना – डेटा सेट्स से संबंधित प्रश्नों को हल करना |
आकस्मिक डेटा (Miscellaneous Data) | – विभिन्न प्रकार के आकस्मिक डेटा जैसे मैट्रिक्स और क्यूब्स का विश्लेषण करना – आकस्मिक डेटा से प्रश्नों के उत्तर देना |
परीक्षा की तैयारी के टिप्स:
- अभ्यास: विभिन्न प्रकार के डेटा व्याख्या के प्रश्नों का नियमित अभ्यास करें ताकि आप विभिन्न डेटा प्रस्तुतियों से परिचित हो सकें।
- समय प्रबंधन: डेटा विश्लेषण के प्रश्नों को समय सीमा के भीतर हल करने की आदत डालें।
- विज़ुअलिज़ेशन: डेटा के विभिन्न प्रकार की ग्राफ़ और तालिकाओं को पढ़ने और समझने की क्षमता को सुधारें।
Basic Numeracy in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में Basic Numeracy (मूलभूत अंकगणित)
मूलभूत अंकगणित (Basic Numeracy) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा में “मूलभूत अंकगणित” (Basic Numeracy) खंड आपकी गणितीय क्षमताओं और संख्यात्मक समझ को परखता है। इसमें बुनियादी गणितीय कौशल शामिल होते हैं जो विभिन्न प्रकार की गणनाओं, समीकरणों और समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस खंड में समस्याओं का समाधान और गणनाएँ सही ढंग से करने की क्षमता को मापने के लिए विभिन्न प्रश्न होते हैं।
मुख्य विषय:
विषय |
विवरण |
---|---|
संख्यात्मक समझ (Numerical Understanding) | – अंकों की पहचान (Identification of Numbers) – संख्याओं की मूल बातें (Basics of Numbers) |
गणना (Arithmetic Operations) | – जोड़ (Addition) – घटाव (Subtraction) – गुणा (Multiplication) – भाग (Division) |
फ्रैक्शन्स (Fractions) | – भिन्नों का योग और गुणा (Addition and Multiplication of Fractions) – भिन्नों को प्रतिशत में परिवर्तित करना (Converting Fractions to Percentages) |
डेसिमल (Decimals) | – दशमलव जोड़ना और घटाना (Addition and Subtraction of Decimals) – दशमलव गुणा और भाग (Multiplication and Division of Decimals) |
प्रतिशत (Percentages) | – प्रतिशत की गणना (Calculating Percentages) – वृद्धि और कमी (Increase and Decrease) – लाभ और हानि की समस्याएँ (Profit and Loss Problems) |
समय और कार्य (Time and Work) | – समय-कार्य समस्याएँ (Time-Work Problems) – कार्य की गति (Rate of Work) |
साधारण गणितीय समस्याएँ (Basic Mathematical Problems) | – आयाम (Mensuration) – अनुपात और अनुपात (Ratios and Proportions) – औसत (Average) |
General Mental Ability in UPSC CSAT Syllabus in Hindi
UPSC CSAT Syllabus में General Mental Ability (सामान्य मानसिक क्षमता)
सामान्य मानसिक क्षमता (General Mental Ability) – Overview:
UPSC CSAT परीक्षा में “सामान्य मानसिक क्षमता” (General Mental Ability) खंड आपके मानसिक कौशल, तर्कशक्ति और विश्लेषणात्मक सोच को परखता है। यह खंड विभिन्न प्रकार की मानसिक क्षमताओं को चुनौती देने वाले प्रश्नों से भरा होता है, जिनमें तर्कशक्ति, समस्या समाधान, और निर्णय लेने की क्षमताएँ शामिल होती हैं।
मुख्य विषय:
विषय |
विवरण |
---|---|
तर्कशक्ति (Reasoning) | – लॉजिकल रीजनिंग (Logical Reasoning): समानता और भिन्नता, शर्तों के आधार पर निष्कर्ष निकालना – डायग्रामेटिक रीजनिंग (Diagrammatic Reasoning): ब्लॉक डियाग्राम, वेन डियाग्राम |
समस्या समाधान (Problem Solving) | – समाधान की विधियाँ (Methods of Solution): विभिन्न समस्याओं को विभिन्न तरीकों से हल करना – समय प्रबंधन (Time Management): समस्याओं को समय सीमा के भीतर हल करना |
निर्णय-निर्माण (Decision Making) | – परिदृश्य आधारित निर्णय (Scenario-Based Decisions): समस्याओं के विभिन्न परिदृश्यों के आधार पर निर्णय लेना – लाभ और हानि का विश्लेषण (Cost-Benefit Analysis): निर्णय के लाभ और हानि का मूल्यांकन करना |
डाटा विश्लेषण (Data Interpretation) | – तालिका विश्लेषण (Table Analysis): तालिकाओं के डेटा का विश्लेषण – ग्राफ़ विश्लेषण (Graph Analysis): बार ग्राफ़, लाइन ग्राफ़, पाई चार्ट आदि का विश्लेषण |
मिश्रण और अनुपात (Mixture and Ratio) | – मिश्रण समस्याएँ (Mixture Problems): विभिन्न वस्तुओं के मिश्रण से संबंधित समस्याएँ – अनुपात समस्याएँ (Ratio Problems): अनुपात के आधार पर समस्याओं का समाधान |
सांख्यिकी (Statistics) | – औसत (Average): डेटा का औसत निकालना – माध्यिका और मोड (Median and Mode): डेटा सेट में माध्यिका और मोड की गणना |
Freqently Asked Questions (FAQs)
Q1: UPSC CSAT परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं?
UPSC CSAT परीक्षा में मुख्यतः मात्रात्मक अभ्यस्तता (Mathematical Ability), सामान्य मानसिक क्षमता (General Mental Ability), समझने की क्षमता (Comprehension Skills), और निर्णय-निर्माण व समस्या समाधान (Decision-Making and Problem-Solving) से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
Q2: क्या UPSC CSAT परीक्षा में नकारात्मक अंकन होता है?
हाँ, UPSC CSAT परीक्षा में नकारात्मक अंकन (Negative Marking) होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक चौथाई अंक काटा जाता है।
Q3: UPSC CSAT परीक्षा के लिए कितनी तैयारी की आवश्यकता है?
UPSC CSAT परीक्षा के लिए उचित तैयारी की आवश्यकता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास, समय प्रबंधन, और विभिन्न मानसिक क्षमताओं को सुधारना शामिल है।
Q4: क्या UPSC CSAT परीक्षा केवल अंग्रेजी में होती है?
नहीं, UPSC CSAT परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होती है। उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी भाषा में प्रश्नपत्र ले सकते हैं।
Q5: क्या UPSC CSAT परीक्षा में गणितीय क्षमता पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
हाँ, गणितीय क्षमता (Mathematical Ability) UPSC CSAT परीक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें विभिन्न गणितीय समस्याओं और डेटा विश्लेषण की समस्याएँ शामिल होती हैं।